देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। ऐसे में दूरदर्शन पर पुराने सीरियल ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ प्रसारित किए जा रहे हैं। दूरदर्शन की व्यूअरशिप में 40 हजार प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है। दर्शक इन सीरियल्स को काफी पसंद भी कर रहे हैं। और कुछ लोगों की पुरानी यादें ताजा हो रही हैं।
अभी तक के ‘महाभारत’ के एपिसोड में आपने देखा कि दुर्योधन, कृष्ण और बलराम से मिलने पहुंचते हैं। वह दोनों को हस्तिनापुर घुमाने की बात कहते हैं। हालांकि, इस दौरान कृष्ण उनके साथ नहीं जाते हैं। वहीं, शकुनि को हस्तिनापुर विभाजन के बाद आधे राज्य के जाने का मलाल होता है। वह दुर्योधन को भड़काते हैं और कहते हैं कि उन्हें इस समस्या के बारे में सोचना चाहिए। राय के तौर पर वह कृष्ण के भाई बलराम को फंसाने की बात कहते हैं। वहीं, दूसरी ओर हस्तिनापुर घूमने जडाने से मना करने के बाद कृष्ण, भीष्म पितामह से मिलने के लिए पहुंचते हैं। दूसरी तरफ दुर्योधन, बलराम की सेवा में लगे होते हैं। अब जानिए आगे…
महाभारत 16 अप्रैल दोपहर एपिसोड का ताजा अपडेट
12:43- पांडवों को साथ देख कृष्ण बहुत खुश हैं। सभी भाई मिलकर भूमि पर हल चला रहे हैं। बंजर पड़ी जमीन पर हरियाली देखकर कृष्ण बहुत खुश हो रहे हैं।
12:38- भीष्म पितामह भावुक हो रहे हैं। युधिष्ठर ने भूमि पूजन आरंभ कर दिया है। साधू मंत्रों का उच्चारण कर रहे हैं। श्री कृष्ण भी साथ हैं।
12:35- खांडवप्रस्त की ओर सभी रवाना हो चुके हैं। यहां यज्ञ किया जाएगा और भूमि पूजन भी। श्री कृष्ण ने खांडवप्रस्त को पांडवों की कर्मभूमि बताया था। लेकिन, क्यों? वह ऐसा यूं ही नहीं कहते हैं। यहां अवश्य कुछ नया होने वाला है। सभी उम्मीद कर रहे हैं।
12:30- प्रगति और उन्नति के मार्ग पर युधिष्ठर अपनी यात्रा आरंभ कर चुके हैं। साथ में द्रौपदी भी सभी का आशीर्वाद ले रही हैं। युधिष्ठर कहते हैं कि मेरी तीन मां हैं, एक कुंती, दूसरी गांधारी और तीसरी मां मेरी हस्तिनापुर नागरी है। आज इसे मैं प्रणाम करता हूं।
12:25- युधिष्ठर और द्रौपदी, गांधारी से आशीर्वाद लेते हैं और रकहते हैं कि वह इस परिवार का विभाजन कभी नहीं होने देंगे।
12:19- महर्षि राज्य सभा में पधार चुके हैं। द्रौपदी और युधिष्ठर उनसे आशीर्वाद लेते हैं। महर्षि, द्रौपदी को आशीर्वाद देते हुए कहते हैं कि वह अपने केश का ध्यान रखें।
12:15- राज्य सभा में पांडव, द्रौपदी संग पधार चुके हैं। सभी का स्वागत किया जा रहा है। युधिष्ठर और द्रौपदी, धृतराष्ट से आशीर्वाद लेते हैं। धृतराष्ट्र, भगवान बृह्मा, विष्णु और महेश को प्रणाम करते हैं। वह कहते हैं कि हस्तिनापुर पर उनका कोई अधिकार नहीं। एक भाग पांडू के जेष्ठ पुत्र युधिष्ठर को मिलता है और दूसरा भाग दुर्योधन को मिलता है, जो कि धृतराष्ट्र के पुत्र होते हैं।
12:12- राज्य सभा में साधू मंत्रों का उच्चारण कर रहे हैं। मामा शकुनि और कर्ण के बीच नए राजा युधिष्ठर को लेकर बातचीत हो रही है। राज्य सभा से दुर्योधन रहे नदारद।
12:10- पांडव, द्रौपदी को राज्यसभा के लिए लेकर जाते हैं। द्रौपदी, माता कुंती से साथ चलने के लिए कहती हैं। इस पर वह बताती हैं कि उन्होंने कभी राज्य सभा नहीं देखी। अब महारानी होने के बाद भी वह इसे देखकर क्या करेंगी। सभी पुत्र माता कुंती का आशीर्वाद लेते हैं और द्रौपदी संग राज्य सभा के लिए रवाना हो जाते हैं।
12:07- माता कुंती पधार चुकी हैं। सभी पुत्र उन्हें प्रणाम करते हैं। माता कुंती, द्रौपदी को युधिष्ठर के माथे पर तिलक लगाने और आरती करने के लिए कहती हैं। इसके अलावा माता कुंती पुत्र युधिष्ठर से कहती हैं कि द्रौपदी की रक्षा करें, एक राजा होने के नाते।
12:05- युधिष्ठर को मिला हस्तिनापुर राज्य। हो रहा है उनका राजा अभिषेक। पांडव भी हैं साथ।
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