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गुरुवार, 25 अगस्त 2016
विचारधारा वाले महात्मा गांधी का चश्मा चुरा ले गए
पांच करोड़ की ठगी के लिए मिला इनाम, गोवा में कराई मौज-मस्ती
नोएडा : यूपी पुलिस की स्पेशल टीम ने एक फर्जी बीपीओ का भंडाफोड़ किया है. बीपीओ में काम कर रहे 53 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी कर्मचारी बीपीओ में चल रहे फर्जीवाड़े से पूरी तरह वाकिफ थे. इसके बावजूद कर्मचारी कथित बीपीओ में काम कर रहे थे, क्योंकि इनाम के तौर पर उनसे गोवा ट्रिप का वादा किया गया था.
यूपी के नोएडा सेक्टर-63 में स्थित एक फर्जी बीपीओ ने अपने कर्मचारियों के जरिए लोगों को पांच करोड़ रूपये का चूना लगाया. महज तीन महीने के अंदर आरोपी कर्मचारियों ने लोगों को इंश्योरेंस का झांसा देकर करोड़ों रुपये ऐंठ लिए. इसके बाद फर्जी बीपीओ के मालिकों ने अपने कर्मचारियों को इसका इनाम देते हुए गोवा ट्रिप पर भेज दिया.
नोएडा पुलिस को जब इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली तो पुलिस के आला अधिकारी भी करोड़ों रूपये की इस ठगी से हैरान रह गए. पुलिस ने फौरन एक एसआईटी का गठन कर मामले की जांच टीम को सौंप दी. स्पेशल टीम ने पुख्ता तौर पर कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटाई. सभी के गोवा में होने की सूचना पर टीम ने गोवा में मस्ती करते हुए सभी कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि ये कंपनी खासकर बुजुर्गों को अपना निशाना बनाती थी. सभी आरोपी कर्मचारी स्वयं को एक मशहूर इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर उनसे बातचीत करते थे. जिसके बाद उन्हें झांसा देते हुए उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे.
बता दें कि आरोपी कर्मचारियों ने महज तीन महीने में लोगों को झांसा देकर पांच करोड़ रुपये की काली कमाई कर ली थी. कंपनी ने इन सभी कर्मचारियों को इनकी ठगी की मेहनत से नवाजते हुए इन्हें मौज-मस्ती करने के लिए गोवा भेज दिया था. स्पेशल टीम ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि फर्जी बीपीओ या फिर इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाला यह कोई पहला गिरोह नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आएं हैं. जरा सी सावधानी बरतते हुए लोग ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं.
शनिवार, 20 अगस्त 2016
सतना में हाउसिंग बोर्ड की इमारत गिरी, 25 लोग दबे
1 मिनट के लिए मंत्री की कार रोकी, बदले में 10 चांटे मिले
श्रीलंका की वनडे टीम में दो नए चेहरे अविश्का फर्नांडो और अमिला अपोंसो शामिल
कोलंबो : श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 21 अगस्त से शुरू होने वाली 5 मैचों की एकदिवसीय सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए अपनी 16 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है. श्रीलंका ने टीम में कुछ नए चेहरों को शामिल करके ऑस्ट्रेलिया पर फतह करने की तैयारी की है. टीम में दो नए चेहरे अविश्का फर्नांडो और अमिला अपोंसो को शामिल किया गया है.
इंग्लैंड दौरे में तीन शतक लगाकर सुर्खियों में आए थे अविश्का
श्रीलंका की अंडर-19 के इंग्लैंड दौरे के दौरान शानदार प्रदर्शन करने का ईनाम शीर्ष क्रम के 18 वर्षीय बल्लेबाज अविश्का फर्नांडो को मिला है. उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले दो एकदिवसीय मैच के लिए टीम में शामिल किया गया है. अविश्का फर्नांडो ने अभी तक सीनियर लेवल का कोई क्रिकेट नहीं खोला है लेकिन हाल ही इंग्लैंड दौरे पर लगातर तीन शतक जड़ने के कारण सुर्खियों में आए थे.
अविश्का के शतक की बदौलत श्रीलंका अप्रत्याशित रूप से अंडर-19 में क्लीन स्वीप करने में सफल रही थी. मोरातुवा में सेंट सेबस्टियन कॉलेज के लिए खेलने वाले इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने तीन मैचों की श्रृंखला में 95 की औसत से कुल 285 रन बनाए थे. अविश्का ने जुलाई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंडर-19 में भी 97 रनों का योगदान दिया था.
बाएं हाथ के स्पिनर अमिला अपोंसो का भी चयन
दूसरा नाम बाएं हाथ के स्पिनर अमिला अपोंसो का है जिसे पहली बार नेशनल टीम में जगह दी गई है. अपोंसो ने पिछले हफ्ते पोचेस्ट्रूम ने खेले गए एक चार दिवसीय मैच में दक्षिण अफ्रीका XI के खिलाफ 207 रन देकर 13 विकेट झटके थे. पूरी दौरे के दौरान उनका प्रदर्शन शानदार रहा था. उन्होंने रगामा क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते हुए प्रथमश्रेणी के मैच में शानदार प्रदर्शन किया है. हाल ही में संपन्न हुए प्रीमियर लीग टूर्नामेंट में अपोंसो ने 20.97 की औसत से 47 विकेट लिए और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर रहे थे.
इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज सुरंगा लखमल को भी एकदिवसीय टीम में स्थान पाने में कामयाब रहे हैं. सुरंगा लखमल को 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ हुई घरेलू सीरीज में भी शामिल किया गया था लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने का अवसर नहीं मिला था.
तिलकरत्ने दिलशान की हुई वापसी
ऑलराउंडर मिलिंदा श्रीवर्धना और थिसारा परेरा की टीम में वापसी हुई है जिन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में बाहर कर दिया गया था. तिलकरत्ने दिलशान को भी टीम में शामिल किया गया है. ऑलराउंडर दसुन शनाका, परवेज महरूफ, सूरज रणदीव और चामिंडा बंडारा को टीम में जगह नहीं दी गई है.
टेस्ट सीरीज में आई हैमस्ट्रिंग की चोट नुआन प्रदीप उबर चुके हैं. हालांकि सुरंगा लखमल केवल अकेले तेज गेंदबाज हैं जिन्हें टीम में चुना गया है. दुश्मांथा चमीरा और लसिथ मलिंगा अभी भी चोटिल हैं जिसके चलते उन्हें टीम से बाहर रखा गया है.
पहले दो एकदिवसीय मैचों के लिए श्रीलंका की टीम इस प्रकार है- एंजेलो मैथ्यूज (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, दानुश्का गुनतिलका, दिनेश चंदीमल, कुशल परेरा, कुशल मेंडिस, धनंजय डिसिल्वा, मिलिंदा श्रीवर्धना, सीक्कूगे प्रसन्ना, सुरंगा लखमल, नुवान प्रदीप, थिसारा परेरा, दिलरूवान परेरा, लक्ष्ण संदाकन, अविश्का फर्नांडो और अमिला अपोंसो.
मुंगेर में गंगा उफान पर, बाढ़ का पानी बेलन बाजार में घुसा
मुंगेर : यहां गंगा का उफान जोरों पर है. गुरुवार को जहां जलस्तर स्थिर रहा. वहीं शुक्रवार को जलस्तर में वृद्धि होने लगी. मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज 30 सेंटीमीटर नीचे है.बाढ़ का पानी बढ़ने से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. शहरी क्षेत्र बेलन बाजार बंगाली टोला में पानी घुस गया है.प्रभावित परिवारों को राहत कैंप तक पहुंचाने पका भोजन देने के निर्देश दिए गए हैं.
शुक्रवार की शाम जलस्तर 39.03 मीटर दर्ज किया गया. जलस्तर बढ़ने से रोजाना नये गांवों व क्षेत्रों में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने से लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग घर-वार छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं . जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया.केंद्रीय जल आयोग ने गुरूवार को जल स्थिर रहने की रिपोर्ट दी थी.लेकिन गुरूवार देर रात के बाद से ही जलस्तर बढ़ना प्रारंभ हो गया. प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर के हिसाब से बढोतरी होने लगी.
शुक्रवार की शाम पुन: जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा और 39.03 पर पहुंच गया. मालूम हो कि मुंगेर में खतरे का निशान 39.33 मीटर अंकित है. जल आयोग के अनुसार, यदि पानी बढ़ने का यदि रफ्तार रहा तो शनिवार को खतरे के निशान तक पहुंच जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्र में बाढ़ का पानी अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है. एक ओर जहां टीकारामपुर, जाफरनगर, कुतलुपुर पंचायत पुरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो गया है. वहीं मय, मिर्जापुर बरहद पंचायत का भी चौर पुरी तरह से डूब गया है. शहरी क्षेत्र बेलन बाजार बंगाली टोला में पानी घुस गया है. जबकि पानी बढ़ने के कारण शक्तिपीठ चंडिका स्थान में पूजा-अर्चना को बंद कर दी गयी है.
बाढ़ प्रभावितों के लिए दो स्थानों पर जिला प्रशासन की ओर से राहत केंद्र संचालित हो रहा है. लखीसराय जिले के अमरपुर मध्य विद्यालय में कुतलुपुर परोरा टोला के बाढ़ विस्थापित परिवारों को रखा गया है. जबकि जिला स्कूल में भी राहत केंद्र बनाया गया है. एसडीओ डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर नाव से विस्थापितों को उचित राहत केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. शुक्रवार की शाम से पका हुआ भोजन राहत केंद्र पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराया जायेगा
.बाढ़ के कारण पशुपालकों के समक्ष पशु चारा की समस्या उत्पन्न हो गयी. जिसके कारण पशुओं को भुखा रखना उनकी मजबुरी हो गयीपशु चारा के लिए दर का निर्धारण किया जायेगा. जिसके बाद पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराया जायेगा.
JNU में गंगा ढाबे को लेकर जंग, छात्र नेताओं ने लगाया डिबेट कल्चर को खत्म करने का आरोप
दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देश की जितनी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी है, उतने ही लोकप्रिय उसके तमाम प्रतीक भी हैं. जेएनयू में दाखिल होते ही दायीं तरफ मौजूद गंगा ढाबा जेएनयू की खास पहचान है मगर इन दिनों इसे लेकर जेएनयू में लड़ाई छिड़ी हुई है.
गंगा ढाबे के सामने अमूमन जेएनयू के छात्र चाय की चुस्कियां लेते हैं और चर्चा करते हैं. मगर इन दिनों नारे लगने की वजह है जेएनयू प्रशासन का वो नोटिस जिसमें गंगा ढाबे को रिटेंडर करने की बात कही गई है. दरअसल जेएनयू प्रशासन ने वर्तमान में गंगा ढाबे को चला रहे सुशील राठी को ढाबा खाली करने का नोटिस दिया है ताकि नया टेंडर जारी किया जा सके. 2013 में सुशील राठी की लीज खत्म हो चुकी है. अब जेएनयू प्रशासन यहां फ्रेश टेंडर जारी करना चाहता है, जिसके लिए ढाबा खाली करना होगा.
छात्र कर रहे हैं विरोध
वहीं दूसरी तरफ इस नोटिस का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि प्रशासन जेएनयू के डिबेट कल्चर को खत्म करना चाहता है. इसलिए पहले से मौजूद प्रतीकों को खत्म कर रहा है. छात्रों का आरोप है कि फ्रेश टेंडर के नाम पर लंबा समय लिया जाएगा और फिर गंगा ढाबा बंद कर दिया जाएगा, इसलिए छात्र इस फरमान का विरोध कर रहे हैं.
प्रशासन की नीयत पर उठाए सवाल
जाहिर है एक तरफ प्रशासन कह रहा है कि ये सिर्फ फ्रेश टेंडर की प्रक्रिया है, जोकि 2013 में ही होनी थी मगर नहीं हुई. दूसरी तरफ छात्र संगठनों का कहना है कि प्रशासन की नीयत साफ नहीं है और वो ढाबे को बंद करना चाहता है.
शुक्रवार, 19 अगस्त 2016
खूबसूरती के जाल में यूं फंसाती थी ये कॉलेज गर्ल, फिर हड़पती थी लाखों रुपए
यह था मामला- डीसीपी अंशुमान भौमिया ने बताया कि गुड़गांव निवासी 45 वर्षीय जितेन्द्र कुमार ने मंगलवार को रिपोर्ट दी थी कि डेढ़ साल पहले रोहतक में एक परिचित युवती के माध्यम से छात्रा ऊषा गूजर से संपर्क हुआ था। वह मोतीडूंगरी इलाके में पीजी में रहती थी। पिछले छह माह से वह जितेन्द्र से फोन पर बात करती थी और वाट्सएप पर चेटिंग करती थी।उसने कई बार जितेंद्र को जयपुर मिलने के लिए बुलाया। आठ अगस्त को जितेन्द्र जयपुर आया और एमआई रोड स्थित एक होटल में रुका। वहां छात्रा आई और शराब पी। नौ अगस्त को ऊषा ने जितेन्द्र को धमकी दी कि उसने 25 लाख रुपए नहीं दिए तो दुष्कर्म का केस दर्ज करा देगी।
कोल स्कैम : अदालत ने पूर्व कोयला सचिव और पांच अन्य के खिलाफ आरोप तय किए
नई दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले के एक मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, दो लोकसेवकों, निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड और उसके दो अधिकारियों के खिलाफ आज विभिन्न आरोप तय किए जिसमें धोखाधड़ी एवं आपराधिक षड्यंत्र शामिल है.
अदालत ने खारिज कर दी थी क्लोजर रिपोर्ट
विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जिसमें इससे पहले अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी थी. अदालत ने जांच एजेंसी से मामले की और जांच करने को कहा था. मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोरी (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लाक का आवंटन वीएमपीएल को करने में कथित अनियमितताओं को लेकर है. सितंबर 2012 में सीबीआई ने मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
मामले की अगली सुनवाई 09 सितंबर को
गुप्ता और कंपनी के अलावा अदालत ने लोकसेवकों के खिलाफ भी मुकदमा शुरू किया जिसमें कोयल मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव के एस करोफा, कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीएआई) के सी समरिया, कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक शामिल हैं. आरोपियों ने स्वयं को बेगुनाह बताया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे. इसके बाद अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 09 सितंबर को तय की है.
गुप्ता कोयला घोटाले के कई मामले में आरोपी हैं और वर्तमान में जमानत पर हैं. उन्होंने हाल में अदालत से कहा था कि वह ‘जेल में रहकर मुकदमे का सामना करना चाहते हैं’ और उन्होंने जमानत के लिए दिया गया निजी मुचलका वित्तीय परेशानियों के चलते वापस ले लिया था. उन्होंने नई दिल्ली विधि सहायता सेवा प्राधिकरण की ओर से एक वकील या अदालत की ओर से नियुक्त न्यायमित्र लेने की अदालत की पेशकश भी ठुकरा दी थी. उनकी अर्जी वर्तमान में अदालत में लंबित है.
संगीत सोम का विवादित बयान, यूपी में बीजेपी को हराना पाकिस्तान बनाने जैसा
लखनऊ : पाकिस्तान को लेकर नेताओं में जुमलों का माहौल है. मेरठ की एक रैली में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने कहा कि यूपी का अगला चुनाव हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच जंग की तरह है. इसमें बीजेपी को हराना यहां पाकिस्तान बनाने के बराबर है. गैर-भाजपाई दलों में इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया हुई और भाजपा का कहना है कि वह इस बयान की समीक्षा कर रही है.
शायद संगीत सोम को यह लगता है कि यूपी विधानसभा चुनावों में अगर बीजेपी जीती तो हिन्दुस्तान जीतेगा. लेकिन अगर गैर बीजेपी पार्टी जीती तो यह जीत पाकिस्तान की होगी. संगीत सोम ने कहा कि यहां लड़ाई हिन्दुस्तान और पाकिस्तान की है, ये ध्यान रखिए. एक तरफ़ पाकिस्तान है, एक तरफ़ हिंदुस्तान है. तुम्हें क्या करना है ये सोच लो. क्या करना है? एकतरफ़ा कर लो मामला.
संगीत सोम मेरठ की सरधाना सीट से एमएलए हैं. मुजफ्फरनगर दंगों में भी उनका नाम आया है. वह मानते हैं कि अगर वह हार गए और उनकी जगह बीएसपी के इमरान यकूब जीत गए तो भी यहां पाकिस्तान बन जाएगा. संगीत सोम ने कहा कि भाजपा एकतरफ़ा है, अगर कोई थोड़ा बहुत चुनाव में रहेगा तो बसपा वाला रहेगा, ये सच्चाई है या नहीं? सपा वाले कह रहे हैं कि हम तो हार ही गए, हमें तो ये विधायक हराना है. विधायक को हरा के क्या पाकिस्तान बनाना है, मुझे बता दो. संगीत सोम के इस बयान को लेकर गैर भाजपाई दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
यूपी सरकार में राज्यमंत्री नावेद सिद्धीकी ने कहा कि जिस तरह की वह बात कर रहे हैं मुल्क को बांटने की बात कर रहे हैं. वह कहीं न कहीं से यह मुद्दा (हिन्दुस्तान पाकिस्तान का) लेकर आ रहे हैं. पाकिस्तान किसको कह रहे हैं इस देश के अंदर. वह पाकिस्तान एक कौम को कह रहे हैं. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये भाजपा नहीं कह रही है और न हम इस बात का समर्थन करते हैं, लेकिन हम इस बयान की समीक्षा करेंगे. उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे.