शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

कोल स्कैम : अदालत ने पूर्व कोयला सचिव और पांच अन्य के खिलाफ आरोप तय किए


नई दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले के एक मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, दो लोकसेवकों, निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड और उसके दो अधिकारियों के खिलाफ आज विभिन्न आरोप तय किए जिसमें धोखाधड़ी एवं आपराधिक षड्यंत्र शामिल है.

अदालत ने खारिज कर दी थी क्लोजर रिपोर्ट
विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया जिसमें इससे पहले अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी थी. अदालत ने जांच एजेंसी से मामले की और जांच करने को कहा था. मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोरी (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लाक का आवंटन वीएमपीएल को करने में कथित अनियमितताओं को लेकर है. सितंबर 2012 में सीबीआई ने मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी.

मामले की अगली सुनवाई 09 सितंबर को
गुप्ता और कंपनी के अलावा अदालत ने लोकसेवकों के खिलाफ भी मुकदमा शुरू किया जिसमें कोयल मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव के एस करोफा, कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीएआई) के सी समरिया, कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक शामिल हैं. आरोपियों ने स्वयं को बेगुनाह बताया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे. इसके बाद अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 09 सितंबर को तय की है.



गुप्ता कोयला घोटाले के कई मामले में आरोपी हैं और वर्तमान में जमानत पर हैं. उन्होंने हाल में अदालत से कहा था कि वह ‘जेल में रहकर मुकदमे का सामना करना चाहते हैं’ और उन्होंने जमानत के लिए दिया गया निजी मुचलका वित्तीय परेशानियों के चलते वापस ले लिया था. उन्होंने नई दिल्ली विधि सहायता सेवा प्राधिकरण की ओर से एक वकील या अदालत की ओर से नियुक्त न्यायमित्र लेने की अदालत की पेशकश भी ठुकरा दी थी. उनकी अर्जी वर्तमान में अदालत में लंबित है.



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