राजस्थान : दौसा जिले में राष्ट्रपति महात्मा गांधी कुछ सनकी बदमाशों के निशाने पर है। कुछ रोज पहले वो गांधी प्रतिमा का चश्मा तोड़ गए थे। नगर परिषद ने उसकी रिपेयरिंग करा दी तो इस बार वो चश्मा चुराकर ही ले गए। नगर परिषद ने इस मामले में कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की थी। माना जा रहा है कि यह विचारधारा की लड़ाई के चलते की गई हरकत है। निश्चित रूप से यह चोरी पैसों के लिए नहीं की गई। इस प्रतिमा पर लगा चश्मा दुर्लभ नहीं था। यह हरकत केवल गांधीवादियों को नीचा दिखाने के लिए की गई है। जताया गया है कि तुम गांधी प्रतिमा की रक्षा भी नहीं कर सकते।
इन दिनों देश भर में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। राजस्थान में यह कुछ ज्यादा ही है। इसी के चलते गांधी प्रतिमाओं पर हमले हो रहे हैं। सरकार एवं पुलिस का रवैया हमलावरों के प्रति नरम बना हुआ है। जब गांधी प्रतिमा के चश्मे को तोड़ा गया था तब एक अदद एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई। इससे बदमाशों के हौंसले बढ़ गए।
एक विचारधारा विशेष के लोग महात्मा गांधी को महान नहीं मानते। उन्हें गांधी के "राष्ट्रपिता" बुलाए जाने पर भी आपत्ति है। हालांकि इस विचारधारा के बड़े नेताओं ने गांधी के प्रति अपनी श्रृद्धा सार्वजनिक की है परंतु निचले स्तर पर विचारधारा का मतभेद आज भी जिंदा है।
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