सिलवासा। जिला उद्योग केन्द्र के पूर्व अधिकारी जिग्नेश पटेल आत्महत्या मामले के 14 महीने बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इस पर 16 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। गत माह 13 दिसमबर को सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में युटी प्रशासन व सीबीआई का कोई प्रतिनिधि हाजिर नहीं हुआ, जिससे कोर्ट ने16 जनवरी को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया था। जिग्नेश पटेल की आत्महत्या के लिए उनके परिजन सरकारी अधिकारी व अन्य लोगों द्वारा किए गए प्रताडऩा को जिम्मेदार मानते हैं। जिग्नेश पटेल ने आत्महत्या से पहले दो सुसाइड नोट लिखे थे जो पुलिस के कब्जे में हैं। मृतक की मंजुलाबेन पटेल ने एसपी शरद भास्कर दराड़े को पत्र लिखकर सुसाइड नोट का खुलासा मांगा है। गौरतलब है कि आत्महत्या के दूसरे रोज पुलिस मुख्यालय में मृतक की माता, पत्नि व अन्य परिजनों के समक्ष सुसाइड नोट खोला गया था, जिसको मंजूलाबेन ने पढ़ा था। सुसाइड नोट में मृतक ने एक दानिक्स अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी, एक श्रम प्रवर्तन अधिकारी, एक वकील व अन्य दो को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। आत्महत्या के केस में देरी होते देख मृतक की माँ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
source https://krantibhaskar.com/hearing-of-jignesh-patel-suicide-case-on-16-january/
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