जोधपुर। अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के मामले में आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने एक बार फिर से जमानत के लिए कोशिश शुरू कर दी है। आसाराम की सजा स्थगन याचिका पर हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस वीके माथुर की विशेष खंडपीठ में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राजकीय अधिवक्ता ने बहस करने के लिए समय मांगा, जिस पर विशेष खण्डपीठ ने राजकीय अधिवक्ता से पूछा कि जब पूरा रिकॉर्ड कोर्ट में उपलब्ध है, तो आप बहस क्यों नहीं करना चाहते लेकिन राजकीय अधिवक्ता ने फिर भी समय मांगा जिसके चलते विशेष खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के लिए आगामी 23 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है।
दरअसल सजा होने के बाद आसाराम सजा स्थगन का प्रार्थना पत्र पेश कर चुका था लेकिन उसे विड्रॉ कर दिया था। इसके बाद आसाराम की अपील पर जल्दी सुनवाई का आग्रह स्वीकार कर लिया था और इससे जुड़ी सभी अपील याचिकाओं को कनेक्ट भी कर दिया था। पिछले महीने ही आसाराम की अपील को भी जेल में बंद सजायाफ्ता बंदियों की अपीलों की सुनवाई के लिए निर्धारित व्यवस्था के तहत ही सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे। इस हिसाब से अपील याचिका पर सुनवाई के लिए नंबर पर समय लग सकता है। एेसे में आसाराम ने एक बार फिर से जमानत लेने के लिए सजा स्थगन का प्रार्थना पत्र पेश किया है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सरकारी अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर 23 सितम्बर तक सुनवाई को टाल दिया गया।
गौरतलब है कि एससी एसटी कोर्ट ने गत वर्ष 25 अप्रैल को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए थे। आसाराम करीब छह साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। ना तो ट्रायल के दौरान उसे जमानत मिली और ना ही सजा होने के एक साल बाद भी उसे कोई राहत नहीं मिली है। अब आसाराम की आशाएं मुंबई से आए वरिष्ठ अधिवक्ता एेश गुप्ते पर टिकी है।
source https://krantibhaskar.com/asaram-s-application-hearing-23/
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