शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

मंगला फस्र्ट ऑयल की दसवीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए गहलोत

मंगला फस्र्ट ऑयल की दसवीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए गहलोत

जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को बाड़मेर जिले में मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल पहुंचकर मंगला फस्र्ट ऑयल की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इसके साथ ही केयर्न ऑयल एण्ड गैस, वेदान्ता लिमिटेड की नवीन योजना उज्जवल का उद्घाटन भी किया। इसके अलावा भी उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को दोपहर करीब बारह बजे पर उत्तरलाई हवाई पट्टी पर पहुंचे। यहां कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया। इस मौके पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक मेवाराम जैन, हेमाराम चौधरी, मदन प्रजापत, जिलाध्यक्ष फतेह खान सहित कई कांग्रेसी मौजूद रहे। यहां से मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल पहुंचकर मंगला फस्र्ट ऑयल की दसवीं वर्षगांठ कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद केयर्न ऑयल एण्ड गैस वेदान्ता लिमिटेड की नवीन योजना उज्जवल का उद्घाटन किया और एमपीटी के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ तैल-गैस व अन्य मुद्दों पर चर्चा की। उसके बाद मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से प्रस्थान कर नन्दी गोशाला का शिलान्यास किया।

बता दे कि सरहदी बाड़मेर जिले के मंगला क्षेत्र के देश के सबसे बड़े जमीनी तेल भंडार से उत्पादन शुरू हुए दस साल पूरे हो गए है। 29 अगस्त 2009 को मंगला तेल से उत्पादन की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वॉल्व घुमाकर की थी। 2009 में 5 हजार बैरल शुरुआत कर अब 1.75 लाख बैरल तेल का उत्पादन बाड़मेर के मंगला टर्मिनल से हो रहा है। देश के कुल उत्पादन का पच्चीस फीसदी तेल का उत्पादन अकेले बाड़मेर से हो रहा है। वर्ष 2001 में गुड़ामालानी के सरस्वती वेलपेड क्षेत्र में क्रूड तेल की पहली खोज हुई थी। इसके बाद केयर्न को 16वां कुआं खोदने के बाद वर्ष 2004 में विशाल तेल भंडार मिला, जो 30 वर्षों में भारत में सबसे बड़ी खोज थी। दस वर्ष पूर्व आज ही के दिन काला सोना अर्थात तेल का उत्पादन शुरू हुआ था। वेदांता-केयर्न दस वर्षों में 62 हजार करोड़ रुपए का निवेश इस क्षेत्र में कर चुके हैं। नागाणा के पास स्थित मंगला टर्मिनल से तेल का उत्पादन कर पाइप लाइन के जरिये 750 किमी दूर गुजरात की जामनगर रिफाइनरी तक क्रूड को रिफाइन करनेे के लिए भेजा जा रहा है। बाड़मेर से तेल उत्पादन के कारण 1.86 लाख करोड़ रुपए के बराबर विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।

 



source https://krantibhaskar.com/mangala-first-oil-of-tenth/

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