रविवार, 14 जुलाई 2019

इस बार सावन में सोम प्रदोष, अमृत और सर्वार्थ सिद्धि का विशेष योग

जोधपुर। सावन माह की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है। शिव आराधना के लिए शुभ माने जाने वाले इस माह में विशेष संयोग इसे खास बना देंगे। इस बार सावन मास में सोम प्रदोष, अमृत और सर्वार्थ सिद्धि का विशेष योग बन रहा है। सावन मास में चार सोमवार हैं और 30 जुलाई को सावन मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी। पंद्रह अगस्त (रक्षाबंधन) को सावन मास का समापन होगा।

मान्यता है कि देवशयन के बाद भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और सृष्टि की बागडोर भोलेनाथ संभालते है। सावन माह में भगवान शिव प्रकृति के सौंदर्य को निहारते है और विद्यमान रहते है। यही कारण है कि सावन में भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। सावन मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। शुक्रवार से चार माह चार दिन के लिए शादियों पर ब्रेक लग गया है और 16 नवम्बर के बाद फिर से शहनाई बज सकेंगी। इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करेंगे। इन दिनों सिर्फ पूजा, धर्म व कर्मकाण्ड आदि किया जाता है। साधु-संत भी एक ही स्थान पर रुककर तपस्या करते है। सूर्य नीच राशि तुला में 17 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक रहेगा। इस कारण 16 नवम्बर तक विवाह का कोई भी मुहूर्त नहीं निकलेगा। कार्तिक शुक्ल एकादशी सात नवम्बर को है। इसके साथ ही भगवान विष्णु जाग जाएंगे। इसके बाद 19 नवम्बर से विवाह मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे।



source http://krantibhaskar.com/this-time-in-saawan-in-somn-pradosh/

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