जोधपुर। आषाढ़ माह सूखा बीत गया है। बुधवार को सावन मास शुरू हो रहा है और इस माह में बारिश की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मानसूनी मेघ हिमालय तराई क्षेत्र से होकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश,पंजाब,हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जमे हुए है जबकि प्रदेश में अनुकूल परिस्थितियां नहीं बनने पर बादलों की आवाजाही के बावजूद मेघ मेहरबान नहीं हो रहे है। मौसम विभाग के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय चक्रवाती तंत्र के असर से अगले 48 घंटे में प्रदेश के उत्तर पूर्व के कुछ भागों में छिटपुट बौछारें गिरने की संभावना है।
विंड पैटर्न में हुए बदलाव और दक्षिण पश्चिमी हवा चलने के कारण बादलों की आवाजाही पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में बनी हुई है। जोधपुर में बीती रात भी बादल छाए रहेे लेकिन बारिश होने की उम्मीद अधूरी रही है। शहर में आज भी आसमान पर बादलों की आवाजाही जारी है। बारिश के थमे दौर के बाद प्रदेश के छोटे बड़े बांधों में पानी की आवक भी थमी हुई है। प्रदेश के छोटे बड़े कुल 810 बांधों में से 522 बांध अब भी सूखे है जबकि 283 बांधों में पानी की आंशिक आवक जरूर रही। वहीं महज 5 बांध ही इस बार जुलाई माह में पानी से लबालब हुए है।
बता दे कि जोधपुर में मानसून ने 4 जुलाई को दस्तक दी थी लेकिन अब तक पहली बरसात का इंतजार है। मानसून के पश्चिमी राजस्थान तक पहुंचने के साथ ही वहां सिस्टम खत्म हो गया जिससे अब तक बरसात नहीं हो पाई है। बारिश नहीं होने से किसान भी चिंतित है। किसानों ने मूंग, मोठ और बाजरा बोया है। पिछले चार दिनों से चल रही धूल भरी हवा से किसान परेशान हो गए हैं। बोई गई फसल के ऊपर धूल की परत जम गई है जिसके कारण फसल के खराबे का अनुमान है। बरसात की जगह धूल भरी हवा से खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
source http://krantibhaskar.com/dry-elk-ashadh-savan-in-z/
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