बुधवार, 19 सितंबर 2018

आकस्मिक जांच के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त

जोधपुर। किसानों से समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीदने के लिए खोले गए खरीद केन्द्रों पर करोड़ों रुपए के लहसुन खरीद के घोटाले की जांच जोधपुर कॉ-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड तक पहुंच गई है। घोटाले की जांच कर रहे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को सोसायटी के पावटा चौराहे के पास स्थित प्रधान कार्यालय में आकस्मिक जांच कर लहसुन खरीद से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपालसिंह भाटी ने बताया कि बाहरी जिले और दूसरे प्रदेश से लहसुन खरीद का घोटाला उजागर होने के बाद एसीबी द्वारा इसकी जांच आरंभ की गई है। गत गुरुवार को एसीबी टीम ने लहसुन खरीद केंद्रों पर जाकर दस्तावेजों को खंगाला था। मंगलवार को कॉ-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी के प्रधान कार्यालय में जांच की गई। लहसुन खरीद से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए है। इसके साथ ही लहसुन खरीद के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई है। अब तक जांच में एसीबी को लहसुन खरीद के मामले में बड़े घोटाले की बू आ रही है।

यह है मामला

मथानिया के श्यामलाल गहलोत ने गत दिनों एसीबी में परिवाद दायर कर शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि जोधपुर व मथानिया मंडी में स्थानीय कृषकों के लहसुन खरीद के समर्थन मूल्यों की अनदेखी कर बाहरी जिले कोटा व मध्यप्रदेश से लहसुन की खरीद की गई है। इसमें व्यापारियों से लेकर अन्य लोगों का हाथ हो सकता है। परिवाद के अनुसार किसानों की खातेदारी और गिरदावरी के सहमति पत्र प्राप्त कर यह लहसुन लिया गया है। इसमें मिलीभगत की आशंका जताई गई है। यह खरीद फरोख्त 30 जून तक की बताई गई है। यह लहसुन भी किसानों से नहीं खरीदा जाकर कोटा व मध्यप्रदेश के व्यापारियों से खरीद होना माना जा रहा है। दर्ज परिवाद के आधार पर एसीबी टीम ने अलग अलग खरीद केंद्रों पर जाकर इसकी पड़ताल कर दस्तावेजों को खंगाला था। गौरतलब है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर लहसुन खरीद करने के लिए 30 मई से 30 जून तक जोधपुर व मथानिया में खरीद केन्द्र खोले गए थे, लेकिन किसानों की बजाय व्यापारियों ने गड़बड़ी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए थे। उन्होंने कोटा व मध्यप्रदेश के किसानों से सस्ते दामों पर लहसुन खरीदा था और इन खरीद केन्द्रों पर बेच दिया था।



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