जोधपुर। राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के तत्वावधान में एक बार फिर से रोडवेज बसों के पहिये थम गए। विभिन्न लंबित मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने सोमवार को चक्काजाम कर दिया है। इससे रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वे दूसरे साधनों से गंतव्य स्थानों तक पहुंचे।
राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्प्लॉयज यूनियन एटक के प्रदेश सचिव लक्ष्मणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि करीब एक हजार नई बसों, 8 हजार कर्मचारियों की भर्ती सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर रविवार रात बारह बजे बसों का चक्काजाम शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि यातायात मंत्री युनूस खान की अध्यक्षता में संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित पदाधिकारियों के साथ 7वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने के लिए वार्ता बेनतीजा रही। इसके बाद रोडवेजकर्मी रविवार मध्यरात्रि 12 बजे चक्काजाम हड़ताल पर चले गए। सोमवार को हड़ताल का असर देखने को मिला। रविवार देर रात रोडवेज की ओर से पहिये थाम देने के बाद सोमवार सुबह से ही यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सप्ताह की शुरुआत के दिन रोडवेज कर्मियों के धरने पर बैठने के चलते दूर-दराज के क्षेत्रों में आवागमन करने वाले यात्रियों के पसीने छूट गए। खासकर स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को दिक्कतें हुई। साथ ही प्राइवेट बसों की ओर से मनमाना किराया वसूला जाने लगा।
कई दिनों से चल रहा आंदोलन
रोडवेज के संयुक्त मोर्चे और भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध रोडवेज के श्रमिकों का संगठन फेडरेशन की ओर से पिछले कई दिनों से मांगों को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। इसमें संगठन फेडरेशन के कर्मचारी पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे है। संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित धरने पर सोमवार को बुद्धाराम डूडी, रामपाल जाट, जसवंत सिंह, गिरधारीसिंह भाटी, बाबूलाल सेन सहित 40 कर्मचारी बैठे। उन्होंने कहा कि मांगें नहीं माने जाने तक मोर्चा के तत्वावधान में चक्काजाम हड़ताल जारी रहेगी। इधर पिछले डेढ़ महीने में रोडवेज की यह दूसरी हड़ताल है। इससे पहले 25 से 27 जुलाई को चक्काजाम किया गया था। 27 जुलाई को सरकार और कर्मचारियों के बीच समझौता वार्ता की गई। संयुक्त मोर्चे का आरोप है कि समय पूरा होने के बाद भी समझौते का पालना नहीं की गई।
यह थी प्रमुख चार मांग
-सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देय सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान
-रोडवेज के लिए नवीन बसों का क्रय
-रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार के अनुरूप सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और पेंशन भत्ते देना
– रोडवेज के रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति
इन मांगों पर सहमति बनी
– सरकार अगस्त माह तक रोडवेज को 150 करोड़ रुपए देगी
-रोडवेज की नकारा बसों को रिप्लेसमेंट के आधार पर चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा
– अनुभवी रिटायर्ड आईएएस की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसमें कर्मचारी नेता और अधिकारी भी शामिल होंगे। यह कमेटी सातवें वेतनमान और नई भर्ती की मांग के संबंध में 31 अगस्त तक रिपोर्ट देगी।
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