शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

मारवाड़ में दशमी पर धार्मिक मेलों की त्रिवेणी

जोधपुर। मारवाड़ में दशमी पर बुधवार को धार्मिक मेलों की त्रिवेणी रही। यहां तीन बड़े मेले भरे गए। बाबा की दशमी पर मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के मंदिर में श्रद्धालु की भीड़ रही। वहीं खेजड़ली में शहीदों की याद में और खरनाल में वीर तेजाजी जयंती का मेला भरा गया। इस दौरान आज पूरा शहर धर्ममय नजर आया। मेलों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुआें ने भाग लिया।

लोक देवता बाबा रामदेव की दशमी पर बुधवार को सवेरे से ही मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर में जातरूओं का तांता लगा रहा। देश के विभिन्न भागों में आए जातरूओं ने बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ की समाधि के दर्शन किए। मसूरिया पहाड़ी स्थित बाबा रामदेव मंदिर में उनके गुरु बालीनाथ की समाधि पर 51 ज्योत से महाआरती की गई। दोपहर में महाअभिषेक किया गया।

मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर में गुरु बालीनाथ की समाधि स्थल पर आज सवेरे ही जातरूओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गई। जातरूओं की सुरक्षा के माकूल प्रबंध किए गए थे। हालांकि शहर में जातरूओं की आवक कम हो गई है इसके बावजूद राम रसोड़े, नि:शुल्क चिकित्सा केन्द्र अभी भी जातरूओं की सेवा में लगे हुए है। मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर का संचालन करने वाले पीपा क्षत्रिय समस्त न्याति सभा ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान ने बताया कि बाबा की दशमी पर आज सुबह 5.15 बजे श्रंृगार के बाद 51 ज्योत से मंगला आरती की गई। समाधि स्थल पर सुबह ही पंचामृत से बाबा का अभिषेक किया गया। मन्दिर पर आज फूल मण्डली भी सजाई गई। शाम साढे़ सात बजे महाआरती की गईद्ध शाम को मन्दिर के प्रवेश द्वार पर बैण्ड वादन का कार्यक्रम हुआ। मन्दिर दर्शन करने आने वाले भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। मेले के दौरान समूचे मंदिर परिसर में आकर्षक रोशनी की गई है। बता दे कि सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में 52 सीसीटीवी कैमरों से असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। दशनार्थियों की सुविधा के लिए स्वयंसेवक तैनात किए गए है। खेजड़ली के शहीदों को दी श्रद्धांजलि पेड़ों की रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देने वाले 363 लोगों की याद में बुधवार को खेजड़ली में मेला भरा गया। अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा एवं खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हुए शहीदी मेले में मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद आचार्य, स्वामी भागीरथ दास आचार्य, स्वामी शिव दास रुडक़ली, स्वामी शंकर दास खेजड़ली आदि संतों व धर्मगुरुओं के सान्निध्य में सुबह हवन के बाद ध्वजारोहण कर मेले की शुरुआत की गई। पर्यावरण संस्थान के महेन्द्र विश्नोई ने बताया कि इस अवसर पर शहीद स्मारक परिसर में अधिवेशन हुआ जिसमें देश भर के पर्यावरण प्रेमी 363 शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि खेजड़ली मेला परिसर में संस्था के सदस्यों की ओर से रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी गई। इस बलिदान दिवस पर रक्तदान सहित अनेक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। मेले में दूर-दूर से पर्यावरणविद् सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और शहीदों के स्मारक पर सामूहिक पर्यावरण यज्ञ में आहुति देकर श्रद्धांजलि दी। सुबह ध्वजारोहण के साथ मेला शुरू हुआ। हवन पाहळ के बाद अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई सभा द्वारा धर्मसभा भी हुई। मेले में युवाआें ने रक्तदान किया। बता दे कि खेजड़ली में हर साल भादवा सुदी दशम को पेड़ बचाने को शहीद हुए 363 लोगों की याद में मेला भरता है। विश्नोई समाज ने यहां पर शहीद स्मारक भी बनवा रखा है। इस बार यह मेला बुधवार को भरा गया।

खरनाल में भरा मेला, जोधपुर से भी गए

जाट समाज के आराध्य वीर तेजा की दशम पर गूजरी की गायों को डाकुओं से छुड़ाने वाले वीर तेजाजी का मेला आज खरनाल में भरा गया। पीडि़त लोगों के मसीहा और समाज को नई दिशा देने वाले वीर तेजा का मारवाड़ में बड़ा नाम है। यहां प्रतिवर्ष मेला भरता है। तेजाजी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक सांप को जलने से बचाया था। इस सांप का मोक्ष होने वाला था, इसलिए नाराज होकर सांप ने तेजाजी को डस लिया। तेजाजी ने हंसते-हंसते सांप द्वारा डसना स्वीकार किया। पशु प्रेम की मूर्ति तेजाजी जयंती पर हर साल खरनाल में मेला भरता है। आज भी यहां हजारों की संख्या में लोगों ने मेले में हिस्सा लिया। जोधपुर से सैंकड़ों लोग मेले में भाग लेने के लिए खरनाल गए।



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