जोधपुर। सूरसागर विधानसभा क्षेत्र के लिए कांंग्रेस से टिकट मांगने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के दावेदारों के लिए बुरी खबर है। इस बार कांग्रेस ने सूरसागर सहित कुछ और विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक को टिकट नहीं देने का फैसला किया है। यहां पर दूसरी जाति के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। बता दे कि गत दो बार से सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में कांग्र्रेस ने अल्पसंख्यक को टिकट दी और दोनों बार यहां कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी।
- विधानसभा चुनाव: अल्पसंख्यक सीटों में कटौती की सुगबुगाहट, गुजरात चुनाव में सफल हुए सॉफ्ट हिंदुत्व के फॉर्मूले को राजस्थान में भी अपनाएगी कांग्रेस
दरअसल गुजरात चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व के फॉर्मूले को आजमाकर अपना वोट प्रतिशत बढ़ा चुकी कांग्रेस राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसी फॉर्मूले के तहत चुनावी मैदान में उतरेगी। इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस अपने परंपरागत वोट बैंक की बजाए दूसरी जातियों को साधने की जुगत में है। इसे लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर मंथन भी चल रहा है। जानकारों की माने तो कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक हितैषी होने की छवि से बाहर निकलना चाहती है क्योंकि कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप विपक्षी पार्टियों की ओर से लगते रहे है जिससे दूसरी जातियों के वोट बैंक कांग्रेस से खिसकते चले गए। एेसे में कांग्रेस अब अपनी छवि बदलने की मुहिम में लगी है।
अल्पसंख्यकों के कटेंगे टिकट
जानकारों की माने तो कांग्रेस अपनी बदली हुई छवि और सॉफ्ट हिंदुत्व के फॉर्मूले के तहत इस साल के आखिर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व में कटौती कर उनकी जगह दूसरे समाजों को प्रतिनिधित्व देने की तैयारी में है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व वाली कई सीटों पर अन्य समाजों के लोग शिद्दत साथ दावेदारी ठोक रहे है।
नौ सीटें ही अल्पसंख्यकों को
कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि पार्टी अपनी बदली हुई रणनीति के तहत इस बार केवल 9 सीटें अल्पसंख्यकों को दे सकती है, जबकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 16 और 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अल्पसंख्यक वर्ग को 17 सीटें दी थी। हालांकि ये और बात है कि बीते विधानसभा चुनाव में सभी 16 प्रत्याशियों को प्रचंड मोदी लहर के चलते हार का सामना करना पड़ा था। सीटें कम करने की चल रही कवायद को सभी 16 सीटों पर हुई हार से जोडक़र देखा जा रहा है।
ये सीटें है निशाने पर
अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी राज्य में 12 फीसदी है, जिसके चलते वो प्रदेश की 55 सीटों पर निर्णायक भूमिका में है। पार्टी के जानकार सूत्रों की माने तो अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व वाली जिन सीटों पर कटौती करने की कवायद चल रही है, उनमें जोधपुर की सूरसागर सीट के साथ ही फतेहपुर, तिजारा, किशनपोल, लाडऩू, कोटा दक्षिण और नागौर है। यहां से दूसरे समाजों को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही है।
राज्यसभा का भी फॉर्मूला
पार्टी के शीर्ष स्तर पर इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि विधानसभा चुनाव में सीटें कम करके पार्टी अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है, लिहाजा इसके लिए अल्पसंख्यक वर्ग को राज्यसभा सीट देने की भी चर्चा है। सूत्रों की माने तो पार्टी के शीर्ष नेताओं की ओर से अल्पसंख्यक नेताओं को ये मैसेज दिया जाएगा, भले ही विधानसभा चुनाव में सीटों में कटौती की हो, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर एक सीट अल्पसंख्यक वर्ग को दी जाएगी।
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