मंगलवार, 28 अगस्त 2018

गौरव यात्रा की सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त, पीपाड़ में हुई पथराव व हंगामे की घटना से दूसरे जिलों की पुलिस ने लिया सबक

जोधपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान जोधपुर जिले में पीपाड़ कस्बे में हुई आमसभा के बाद पथराव व हंगामा करने की घटना से दूसरे जिलों की पुलिस ने सबक लिया है। विरोध प्रदर्शन की घटनाओं को देखते हुए अब मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे है। यह गौरव यात्रा तीन दिन के विराम के बाद 29 अगस्त से वापस शुरू होगी। गौरव यात्रा को लेकर पाली और उसके बाद जालोर, सिरोही व बाड़मेर जिलों में पुलिस प्रशासन नए सिरे से कड़े सुरक्षा बंदोबस्त करने में जुट गया है। वहीं बाड़मेर में मुख्यमंत्री के विरोध को लेकर राजपूत, दलित व जाटों के युवाओं को लामबंद करने के प्रयास हो गए है।

तीन दिन पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान जोधपुर जिले में पीपाड़ और ओसियां में जोरदार विरोध हुआ था। यहां उनके काफिले पर पथराव हुआ था। इसके साथ ही उनके लगाए गए होर्डिंग्स, बैनर व पोस्टर भी फाड़ दिए गए थे। वहीं उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए थे। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कई उत्पातियों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद रक्षा बंधन पर्व आने पर तीन दिन के लिए यात्रा को विराम दे दिया गया था। अब 29 अगस्त को यह यात्रा वापस शुरू होगी। जोधपुर जिले में हुए विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दूसरे जिलों की पुलिस सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क हो गई। आने वाले दिनों में पाली और उसके बाद जालोर, सिरोही व बाड़मेर जिलों में गौरव यात्रा जाएगी। यहां के पुलिस प्रशासन ने इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां शुरू कर दी है ताकि यहां किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हो सके। इसको लेकर पाली जिले में पुलिस महानिरीक्षक (स्पेशल) एनआरके रेड्डी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने हैलीपेड, सभा स्थल व अन्य कानून व्यवस्था का जायजा भी लिया है। रेड्डी ने जिले का जायजा लेने के बाद यहां के पुलिस अधिकारियों को गौरव यात्रा में आगे किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिए सख्त निर्देश दिए हैं। बता दे कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से निकाली जा रही राजस्थान गौरव यात्रा बुधवार को तीन दिन के विराम के बाद वापस शुरू होगी। संभाग के पाली जिले में यह यात्रा जाएगी। पिछले दिनों पीपाड़ शहर में गौरव यात्रा के दौरान व्यवधान के बाद अब प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है।

बाड़मेर में कई संगठन सक्रिय

बाडमेर में पूर्व विदेशमंत्री जसंवतसिंह जसोल के समर्थक और लंबे समय से बाड़मेर में सक्रिय खींवसर विधायक हनुमान बेनिवाल के समर्थक मुख्यमंत्री के यात्रा में खलल डालने की पूरी कोशिश कर रहे है। वहीं दलित संगठन भी सक्रिय हो गए है। इधर राजपुरोहित समाज भी पत्रकार दुर्गसिंह को बिहार में एक झूठे मुकदमे मं फंसाने के मामले में बाड़मेर एसपी की भूमिका को लेकर नाराज है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा बंदोबस्त में लगे अधिकारियों को आशंका है कि राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान पूर्व विदेशमंत्री जसोल के समर्थक काले झंडे दिखाने से लेकर हंगामा मचा सकते है।

गौरतलब है कि बीते दिनों बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम पर हमले की घटना के बाद जसोल की पुत्रवधु चित्रासिंह ने इस मामले को झूठा बताते हुए राजपूत युवकों को साजिशपूर्वक फंसाने का आरोप लगाया था। इसके विरोध में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बाडमेर एसपी से मिली थी। उसके बाद मुख्यमंत्री को लेकर उनकी विवादित बयानबाजी भी चर्चा में रही। तब से चित्रासिंह मुख्यमंत्री का खुलकर विरोध करने के लिए मैदान में उतर चुकी है और वे राजपूत युवाओं सहित दलित व मुसलमान युवाओं को लामबंद कर रही है। इसके साथ ही उनके अगले चुनाव में मैदान में उतरने की अटकलें भी शुरू हो गई है। वे मुख्यमंत्री के विरोध की राजनीति कर अपनी जमीन मजबूत करने की कवायद कर रही है। इधर हनुमान बेनिवाल भी बाड़मेर में अपनी जमीन तलाश रहे है। इस वजह से मुख्यमंत्री की इस यात्रा में अपनी फौज से विरोध करवा सियासत चमकाने की कोशिश करने की आशंका है। वे सांसद सोनाराम पर हमले के बाद किसान सम्मेलन कर उनका समर्थन करने पहुंचे थे। इन दोनों नेताओं के बीच बढ़ती नजदीकियों से एक अलग ही जातीय समीकरण बनने की संभावना है।



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