जोधपुर। वीर दुर्गादास राठौड़ की 380वीं जयन्ती समारोह वीर दुर्गादास राठौड़ स्मृति समिति, मेहरानगढ़ म्यूजिय़म ट्रस्ट, मरुगंधा संस्था, लॉयन्स क्लब जोधाणा व नवीन शिशु निकेतन के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को धूमधाम से मनाई गई। श्री जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 23 प्रतिभाओं को समिति एवं मरुगंधा संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।
वीर दुर्गादास स्मृति समिति के अध्यक्ष जगतसिंह राठौड़ ने बताया कि वीर दुर्गादास की जयन्ती के अवसर पर वीर दुर्गादास राठौड़ स्मृति समिति, मेहरानगढ़ म्यूजिय़म ट्रस्ट, मरुगंधा संस्था, लायन्स क्लब जोधाणा एवं नवीन शिशु निकेतन के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में शनिवार को सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज के सान्निध्य में 380वीं जयन्ती समारोह मनाया गया। आयोजन की कड़ी में सुबह मसूरिया हिल पहाड़ी स्थित वीर दुर्गादास की अश्वारोही प्रतिमा पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया गया। इसके बाद वीर दुर्गादास को पुष्पांजलि अर्पित की गई। यहां पर पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में महापौर घनश्याम आेझा, प्रान्त 3233 ई-2, लॉयन्स क्लब इंटरनेशनल के उप प्रान्तपाल अविनाश शर्मा, लाचू कॉलेज के पूर्व प्राचार्य आरएल माथुर भी उपस्थित थे। इस अवसर पर वीर दुर्गादास राठौड़ को पुष्पांजलि के साथ ही पूर्व राजमाता कृष्णाकुमारी व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रद्धांजलि दी गई। यहां संस्कार चैनल की गायिका सरिता जोशी द्वारा स्वरांजलि स्वरूप ‘हरि की आराधना ..’ एवं इन्द्रजीत छंगाणी द्वारा ‘परमपिता का सुमिरन ..’ की प्रस्तुति देकर श्रद्धांजलि दी गई।
इनका हुआ सम्मान
श्री जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर में आयोजित समारोह में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभिन्न प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में प्रबन्ध समिति आदर्श विद्या मंदिर, अयोध्या प्रसाद गौड़, प्रो. डॉ. एस. सुन्दरामूर्ति, हिन्दू सेवा मंडल, धापू कंवर, शरद पुरोहित, श्रीमती प्रियम्वदासिंह, घनश्यामकरण राठौड़, नौशीन खिलजी, सीमा राठौड़, रघुवीरसिंह पंवार, कुलपति डॉ. बलराजसिंह, नवजीवन संस्थान, सरिता जोशी, सुरेश राठी, डॉ. अरूण वैश्य, अरु स्वाति व्यास, शीला आसोपा, कालूनाथ जोगी, अनिता बिंजारिया, केआर मून्दियाड़, रॉबिन हुड आर्मी एवं हैल्पिंग हैंड संस्था का सम्मान किया गया। सम्मान स्वरूप इन लोगों को प्रशस्ति पत्र, श्रीफल भेंट कर शॉल आेढ़ाया गया। इसके साथ ही निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. विक्रमसिंह गुन्दोज द्वारा संपादित ‘वीर दुर्गादास राठौड़ स्मारिका’ एवं वीर दुर्गादासजी पर लिखित नाटक ‘दुर्गा बाबा’ पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही दुर्ग गाथा नाटक के सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
यह कहा अतिथियों ने
महापौर घनश्याम ओझा ने कहा कि वीरवर दुर्गादास राठौड़ अद्भुत व्यक्तित्व एवं स्वामी भक्ति की मिसाल थे। उनमें वीरता के गुणों के साथ ही अच्छे व्यक्तित्व के तमाम गुण मौजूद थे। वे मारवाड़ की धरा के लिए पूर्ण समर्पित थे ओर उन्होंने जिस सम्पर्ण से कार्य किया वह अनुकरणीय है। उन्होंने न सिर्फ अपनी समझ से मुगलों की कूटनीतियों को समझकर उनकी चालों को निरस्त किया बल्कि महाराजकुमार अजीतसिंह की रक्षा भी की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अविनाश शर्मा ने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में जो देता है वही सर्वश्रेष्ठ बनता है। वीर दुर्गादास ने तत्कालीन प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी सूझ-बूझ, वीरता, अद्भुत पराक्रम व स्वाम भक्ति की मिसाल पेश करते हुए मारवाड़ को न सिर्फ सुरक्षित स्थिति में पहुंचाया वरन राज्य भी पुन: प्राप्त करवाया।
यह थे उपस्थित
कार्यक्रम में जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर के महन्त रुद्रगिरि महाराज, कमलेश पुरोहित, करणवीरसिंह, दुर्गादास के वंशजों में देवेन्द्रकरण कनाना, चैनकरण मूड़ी, एचएस खरलिया, चन्द्रा बूब, जेएम बूब, ठाकुर मनोहरसिंह कोरणा, इन्द्रा राजपुरोहित, प्रसन्नपुरी गोस्वामी, डॉ. भंवरलाल सुथार, अतीक मोहम्मद, काजी आबिद अली, विजयदत्त पुरोहित, डॉ. एसएल हर्ष, नरपतसिंह राजपुरोहित, डॉ. विक्रमसिंह गुन्दोज, जयराजसिंह राठौड़, डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित, पुखराज रामावत, हिन्दू सेवा मण्डल, आदर्श विद्या मंदिर प्रबन्ध समिति एवं सुदर्शन सेवा समिति के अनेक सदस्यों सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। अन्त में भागीरथ वैष्णव ने धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन रतनसिंह चाम्पावत एवं सीमा रामावत ने किया।
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