मंगलवार, 28 अगस्त 2018

पूरे राजस्थान में सर्वाधिक एक लाख राष्ट्रीय पक्षी मोर जोधपुर में

जोधपुर। प्रदेश में सर्वाधिक राष्ट्रीय पक्षी मोर करीब एक लाख जोधपुर जिले में है जबकि राज्य में 6 लाख 7 हजार 360 मोर पाए गए है। मोर की सबसे कम संख्या सवाईमाधोपुर व टोंक में पाई गई। हाल ही में सरकार द्वारा राज्य में मोर की गणना करने के निर्देश देते हुए वन विभाग 12 लाख रुपए का बजट आवंटित किया। मोर को संरक्षण देने के लिए सरकार नई योजना लागू कर पर्यटन से जोडऩे की तैयारी कर रही है। वन विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन वन्यजीव गणना करने के बाद राज्य सरकार ने जोधपुर जिले सहित प्रदेश में राष्ट्रीय पक्षी मोर की गणना कराई गई।

  • राज्य में राष्ट्रीय पक्षी मोर की कराई गणना, सवाई माधोपुर व टोंक में सबसे कम मोर

वन विभाग जोधपुर द्वारा भी अलग-अलग टीमें गठित कर मोर की गणना की गई। गणना के अनुसार जोधपुर शहर के मंडोर, बेरी गंगा, सुरपुरा, पाल रोड, रातानाड़ा, हाईकोर्ट कॉलोनी, कायलाना सहित गुढ़ा-विश्नोइयां, खेजड़ली, ओसियां, मथानिया, शेरगढ़ सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर 95 हजार एक सौ 70 राष्ट्रीय पक्षी मोर गिने गए। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक मोर की संख्या जोधपुर में है, जबकि बाड़मेर में 87 हजार 1 मोर के साथ दूसरे व जालोर 50 हजार 8 सौ 28 मोर के साथ तीसरे स्थान पर है। वन अधिकारियों का कहना है कि मोर ज्यादातर हरियाली व शांत वातावरण वाले क्षेत्रों में विचरण करना ज्यादा पसंद करते है।

शिकारियों पर सख्त कार्रवाई

वन विभाग वन्यजीव प्रभाग जोधपुर पिछले कुछ समय से मोर का शिकार करने वाले शिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई कर रहा है। एेसे शिकारियों के खिलाफ भी वन्यजीव अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर शिकार करने वाले को आरोपी बनाया जा रहा है। इससे शिकारियों में भी भय का माहौल बना हुआ है। उधर बारिश, सडक़ दुर्घटना व जहरीला अनाज खाने से घायल होने वाले मोर को बचाने के लिए विभाग द्वारा तहसील स्तर पर खोले गए रेस्क्यू सेंटर काफी कारगर सिद्ध हो रहे है। इससे घायल होने वाले मोर को जल्द से निकट के रेस्क्यू में ले जाकर पशुचिकित्सक द्वारा प्राथमिक उपचार कर दुरुस्त कर दिया जाता है। सेहत में सुधार होने के बाद मोर को फिर से खुली हवा में छोड़ दिया जाता है। जोधपुर वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में जनवरी से जुलाई-2018 के दौरान घायल होकर आए 25 मोर का उपचार कर उन्हें वापस बाहुल्य क्षेत्र में आजाद किया गया।



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