जोधपुर। अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण करने के आरोप में जेल में ताउम्र सजा काट रहे आसाराम के दर्शन और पूजन के लिए शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा बड़ी संख्या में समर्थक उमड़ पड़े। उनमें से किसी को भी आसाराम से मिलने नहीं दिया गया। उन समर्थकों ने जेल के बाहर ही आसाराम की तस्वीर लगाकर उनका पूजन किया।
आसाराम के प्रति अभी तक उनके समर्थकों में उत्साह कम नहीं हो पाया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से शुक्रवार को उनके समर्थक जोधपुर पहुंचे। समर्थकों ने जेल के बाहर आसाराम की तस्वीर लगा कर पूजा अर्चना कर आरती की। हालांकि जेल प्रशासन ने किसी समर्थक को आसाराम से मिलने नहीं दिया, लेकिन जेल के बाहर शांतिपूर्वक पूजा-अर्चना कर रहे समर्थकों को पुलिस ने रोका भी नहीं। पुलिस का कहना था कि शांतिपूर्वक पूजा कर रहे है तब तक कोई परेशानी नहीं है। यदि इन लोगों ने कुछ गड़बड़ की तो सख्ती के साथ निपटा जाएगा। समर्थकों ने जेल के बाहर एक तरफ आसाराम की फोटो लगा कर अपने गुरु की आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने बारी-बारी से वहां पूजा अर्चना कर जेल के गेट की तरफ दंडवत प्रणाम किया। कई लोगों ने जेल प्रहरियों से आसाराम से मुलाकात कराने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।
जेल से भेजी चरण पादुका
बताया गया है कि आसाराम ने जेल से अपने भक्तों व समर्थकों के लिए आश्रम में चरण पादुका भेजी। आश्रम में भक्तों ने इस चरण पादुका का पूजन किया और आशीर्वाद लिया। उनकी तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर पुष्प भी बरसाए। गुरुवार रात को समर्थक व भक्तगण जेल परिसर के बाहर जमा हुए थे। काफी लोग कल ही गुरु ही पूजा कर चले गए। शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा होने के साथ ही चंद्रग्रहण भी है। एेसे में सूत्रों ने बताया कि आसाराम ने अपनी एक चरण पादुका का स्पर्श कर पाल आश्रम के लिए भिजवाई ताकि उसके शिष्य व श्रद्धालु आशीवर्चन ले सके। दोपहर में सूतक लगने से पहले ही सुबह समर्थकों व भक्तों ने गुरू पादुका का पूजन किया।
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