शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

नहीं हिले रोडवेज बसों के चक्के, सरकार से नहीं बनी बात, हड़ताली रोडवेज कर्मियों ने चक्काजाम किया बेमियादी

जोधपुर। सातवां वेतनमान देने व प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया 600 करोड़ रुपए देने की मांग को लेकर राजस्थान रोडवेज संयुक्त मोर्चा की ओर से प्रदेशव्यापी चक्काजाम हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। रोडवेज कर्मियों ने पहले यह चक्काजाम दो दिन के लिए किया था लेकिन राज्य सरकार से मांगों पर बात नहीं बनने पर इस चक्काजाम को बेमियादी कर दिया गया है। शुक्रवार को तीसरे दिन भी रोडवेज बसें अपने स्थानों पर खड़ी रही। वहीं कर्मचारियों का धरना भी जारी रहा।

सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिये रोडवेज कर्मियों के 48 घंटे की चक्काजाम हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी वार्ता फेल हो जाने के कारण जारी रही। रोडवेज कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इस कारण गुरुवार रात बारह बजे शुरू होने वाली बसें शुरू नहीं हो सकी। शुक्रवार को से बसें चलने की उम्मीद में कई यात्री बस स्टैंड पहुंच गए लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। दूसरी तरफ रोडवेज बसों के चक्काजाम के कारण राजस्थान लोक परिवहन सेवा और प्राइवेट बसें मनमाना किराया वसूल कर चांदी कूटने में लगी है। राइका बाग बस स्टैंड पर जहां बसें कैद खड़ी है वहीं दूसरी बसें खचाखच भरकर चल रही है।

126 बसें पूरी तरह से बंद

रोडवेज की जोधपुर में 126 बसें है जो नहीं चली। इससे करीब बीस हजार से ज्यादा यात्रियों को परेशानी हुई वहीं रोडवेज को अकेले जोधपुर में करीब पचास लाख रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ। हड़ताल के दौरान शुक्रवार को भी जोधपुर डिपो के राइकाबाग स्थित केंद्रीय बस स्टैंड पर रोडवेज बसें लगाकर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाइज एटक के लक्ष्मण राजपुरोहित ने बताया कि जोधपुर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के करीब तीन करोड़ रुपए पेंशन और ग्रेच्युटी के बकाया है, जबकि प्रदेश में यह राशि करीब 600 करोड़ रुपए है। इसको लेकर राज्य सरकार को पूर्व में भी लिखित में कई बार दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर मजबूरी में कर्मचारियों को हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।

यह है प्रमुख मांगें

– सेवानिवृत रोडवेजकर्मियों को बकाया परिलाभ दिया जाए, करीब 4 हजार कर्मियों का 600 करोड़ रुपए बकाया है।

– पिछली दीपावली का बकाया बोनस/एक्सग्रेसियादिया जाए।

– लगातार तीन बार से बढ़ा डीए भी रोडवेजकर्मियों को नहीं मिला है।

– प्रदेश के सभी कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग का लाभ मिल चुका है  लेकिन रोडवेज में अभी तक 7वां वेतन आयोग लागू नहीं हुआ। इसे लागू किया जाए।

– रोडवेज में पिछले 4 बरसों में कोई भर्ती नहीं हुई। करीब 8 हज़ार खाली पद पड़े हैं, उन्हें भरा जाए।

– रोडवेज बेड़े के लिए नई बसों की खरीद होने के साथ ही अनुबंध पर चल रही बसों की संख्या कम की जाए।

.. इधर ट्रांसपोर्टर्स भी अपनी मांगों पर अड़े

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर ट्रक मालिकों और ट्रांसपोर्टर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुक्रवार को आठवे दिन भी जारी रही। ट्रांसपोर्टर्स अपनी मांगों पर अड़े हुए है। इस हड़ताल के कारण जोधपुर में करीब चालीस हजार टकों के पहिये थमे हुए है।

सूर्यनगरी गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑनर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सोहन भूतड़ा ने बताया कि ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल से व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है, लेकिन सरकार ट्रक मालिकों की बात सुनने को तैयार नहीं है। जीएसटी में ईवे बिल पार्ट बी की अनिवार्यता को हटाने तथा ट्रांसपोर्टर की ओर से ईवे बिल में कोई छोटी गलती पर जुर्माना लगाने का प्रावधान हटाने, टोल मुक्त राष्ट्रीय व राज्य मार्ग करने, आयकर की धारा 44 ई में संशोधन हटाने, डीजल की कीमतें नियंत्रित कर तीन माह में एक बार बदलने और ट्रकों के बीमा में थर्ड पार्टी बीमा की दर कम करने की मांग को लेकर हड़ताल की जा रही है। जोधपुर में लगभग 800 ट्रांसपोर्ट कंपनियां हैं, जो बंद हैं और लगभग 40 हजार ट्रकों के पहिए थम चुके है। यहां काम करने वाले हजारों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो चुका है। उन्होंने बताया कि सरकार ने शीघ्र ही उचित निर्णय नहीं लिया तो आवश्यक सेवाओं को प्रभावित किया जाएगा।

 



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