गुरुवार, 29 अगस्त 2019

जेएनवीयू के 57 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय अध्यक्ष, रविंद्रसिंह 1294 वोट से जीते

जेएनवीयू के 57 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय अध्यक्ष, रविंद्रसिंह 1294 वोट से जीते

जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में पहली बार निर्दलीय रविंद्रसिंह भाटी ने चुनाव जीत इतिहास बना दिया। एनएसयूआई हैट्रिक लगाने से चूक गई। वह दूसरे नंबर पर रही। एबीवीपी ने लगातार तीन चुनाव में हार की हैट्रिक बनाई। इससे संगठन के प्रत्याशी चयन पर सवालिया निशान लग गए। यह चुनाव जीतने वाले रविंद्रसिंह एबीवीपी से ही चुनाव लडऩा चाहते थे लेकिन जब संगठन ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो उन्होंने ने निर्दलीय ताल ठोंकी। एनएसयूआई के हनुमान तरड़ ने अच्छा मुकाबला किया पर 1294 वोटों से हार गए। कुल 10,987 वोट में से 4,558 वोट रविंद्रसिंह भाटी को मिले। वहीं हनुमान तरड़ ने 3264 वोट हासिल किए। एबीवीपी के प्रत्याशी त्रिवेंद्रपाल सिंह को 2218 वोट मिले। रविंद्रसिंह भाटी दो साल से सक्रिय थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं देकर नए चेहरे त्रिवेंद्रपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया। 2018 में एनएसयूआई के सुनील चौधरी ने एबीवीपी के मूलसिंह को तथा 2017 में एनएसयूआई की कांता ग्वाला ने एबीवीपी के राजेंद्र सिंह को हराया था। एबीवीपी ने वर्ष 2016 में जीत की हैट्रिक बनाई थी, जब कुणाल सिंह भाटी छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे। वहीं उपाध्यक्ष पद पर सुशीला, महासचिव पर एनएसयूआई के शुभम देवड़ा, संयुक्त महासचिव पर एबीवीपी के सुनील विश्नोई जीते।

एबीवीपी के जिला संयोजक अविनाश खारा ने कहा कि रविंद्र सिंह भाटी एबीवीपी का ही कार्यकर्ता है और यह हमारी त्रुटि है कि हमने उन्हें टिकट नहीं दिया। रविंद्र को जीत की बधाई। अब हम उसके साथ हैं और पूरे साल कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। वहीं एनएसयूआई जिलाध्यक्ष दिनेश परिहार ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़े और हमें हराया गया है। आखिरी राउंड में धांधली हुई है। इसका हम विरोध दर्ज करवा चुके हैं। जरुरत पड़ी तो न्यायालय में चुनौती देंगे।

बता दे कि जेएनवीयू की स्थापना 1962 में हुई, तब से 1976 तक चुनाव हुए। इनमें 1970 तक कोई भी संगठन प्रत्याशी को समर्थन नहीं देता था। लेकिन वर्ष 1971 से 1976 तक विद्यार्थी संगठन की ओर से प्रत्याशी को समर्थन दिया जाता था। इसके बाद 1989 से फिर चुनाव शुरू हुए और एबीवीपी के जालमसिंह रावलोत अध्यक्ष बने। तब से वर्ष 2004 तक कुछ प्रत्याशी इन मुख्य संगठनों के अलावा छात्र संघर्ष समिति, किसान छात्रसंघ व संयुक्त मोर्चा के प्रत्याशी बने और जीते। वर्ष 2005 से 2009 तक चुनाव नहीं हुए और वर्ष 2010 से अब तक कोई निर्दलीय प्रत्याशी छात्रसंघ अध्यक्ष नहीं बना।

राउंड वाइज हुई मतगणना

अध्यक्ष पद के लिए राउंड वाइज मतगणना हुई। प्रथम राउंड के परिणामों में एबीवीपी के त्रिवेंद्रपाल सिंह ने बढ़त बनाई। इसमें उसे 1372 मत मिले। इसके अलावा अजय सिंह 55, हनुमान तरड़  241, मनोज पंवार 1, रविंद्रसिंह भाटी 298, सुधीर विश्नोई को 4 वोट मिले। दूसरे राउंड में भी एबीवीपी का दबदबा कायम रहा लेकिन कुल वोटों की गणना के हिसाब से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने बढ़त बनाई। इस राउंड में अजय सिंह को 244, हनुमान तरड़  858, मनोज पंवार 5, रविंद्रसिंह भाटी 1202, सुधीर विश्नोई 24 और त्रिवेंद्रपाल सिंह को 1575 वोट मिले। तीसरे राउंड में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने बढ़त बनाई। इस राउंड में अजय सिंह 379, हनुमान तरड़ 1526, मनोज पंवार 21,रविंद्रसिंह भाटी 2140, सुधीर विश्नोई 40 और त्रिवेंद्रपाल सिंह को 1683 मत मिले। चौथे राउंड के परिणामों में भी निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्रसिंह भाटी अपनी बढ़त बरकरार रखे हुए थे। इस राउंड में अजय सिंह 536, हनुमान तरड़ 2205, मनोज पंवार 30, रविंद्रसिंह भाटी 2984, सुधीर विश्नोई 59 और त्रिवेंद्रपाल सिंह को 1924 वोट मिले। वहीं पांचवे राउंड में रविन्द्र सिंह को 3970, त्रिवेंद्र सिंह  2026, हनुमान तरड़  2887, अजयसिंह 732, सुधीर विश्नोई 74 और  मनोज पंवार को 45 वोट मिले।

इन्होंने भी हासिल की जीत

इससे पहले दोपहर बाद यहां धीरे-धीरे विभिन्न संकायों के क्लास रिप्रेजेन्टेटिव के परिणाम सामने आने लग गए थे। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से सबद्ध कमला नेहरू महाविद्यालय में प्रियंकासिंह नरूका छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित की गईं। वहीं दीपिका उपाध्यक्ष, खुशबू महासचिव और अनु कंवर संयुक्त महासचिव निर्वाचित हुईं। कमला नेहरू कॉलेज निदेशक डॉ. कैलाश कौशल ने उन्हें विजयी होने का प्रमाण पत्र प्रदान किया। कमला नेहरू महिला महाविद्यालय के परिणामों में प्रथम वर्ष में संगीता चौधरी, सैकेंड ईयर में पूजा गोस्वामी व थर्ड ईयर में भानु क्लास रिप्रेजेन्टेटिव पद के लिए चुनी गई। वाणिज्य संकाय के परिणामों में शुभम जैन, दिव्यांशु चौहान, लव्यांश व मोहित गहलोत क्लास रिप्रेजेन्टेटिव पद के लिए चुने गए। मतगणना स्थल पर कॉमर्स डीन प्रोसेफर जसराज बोहरा ने उन्हें शपथ दिलवाई। वहीं विधि संकाय के परिणामों में ध्रुव गहलोत, उदित स्वामी व दीपिका भाटी क्लास रिप्रेजेन्टेटिव पद के लिए चुने गए। सांयकलीन अध्ययन केंद्र के विभिन्न परिणामों में जनरल सेक्रेट्री नटवर सिंह, ज्वाइंट सेके्रट्री श्रवणसिंह व क्लास रिप्रेजेन्टेटिव पद के लिए हिम्मत सिंह पद पर चुने गए है। मतगणना स्थल पर विजेताओं के बाहर आने पर विद्यार्थियों ने उनको पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया। इसी तरह देर शाम तक एपेक्स पदों के लिए मतगणना जारी थी। मतगणना शुरू होने के बाद जहां संभाग के अन्य महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के परिणाम जारी हो चुके थे तो वहीं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में केंद्रीय छात्रसंघ व अपेक्स चैनल के प्रत्याशियों की मतगणना का पहला राउंड भी क्लियर नहीं हुआ थ। प्रत्याशियों ने भी यहां धीमे तरीके से मतगणना करने का आरोप लगाया। देर शाम एनएसयूआई के महासचिव पद के प्रत्याशी शुभम देवड़ा की जीत घोषित की गई।

240 मतपेटियां खोली

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. रवि सक्सेना ने बताया कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में मंगलवार को मतदान के बाद सभी 40 मतदान बूथों से 240 मतपेटियों को एकत्रित करके एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखवाया गया था। मतदान के बाद सभी 40 मतदान केंद्रों से 240 मतपेटियों को एमबीएम कॉलेज में पुलिस की कड़ी सुरक्षा में रख दिया गया था। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इसमें से 160 मतपेटी एपेक्स के चारों पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त महासचिव पद की थी। 32 मतपेटी कमला नेहरू कॉलेज और 16 मतपेटी सायंकालीन अध्ययन संस्थान में एपेक्स पदों की थी। कक्षा प्रतिनिधियों की 32 मतपेटियां थी। यहां आज सुबह 11 बजे मतगणना शुरू हुई। एपेक्स पदों को छोडकर शेष सभी पदों के लिए मतगणना संबंधित संकायों में हुई। कमला नेहरु कॉलेज और सांयकालीन अध्ययन संस्थान के पदों की मतगणना संबंधित संकायों में हुई। कक्षा प्रतिनिधियों के लिए कला, वाणिज्य, इंजीनियरिंग, विधि और विज्ञान संकाय में मतगणना हुई। इससे पूर्व सुबह एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से मतपेटियों को संबंधित संकायों के लिए रवाना कर दिया गया था।

भारी पुलिस जाब्ता तैनात

छात्रसंघ चुनाव की मतगणना को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए। इस दौरान पुलिस के करीब एक हजार अधिकारी व जवान तैनात किए गए। जेएनवीयू के ओल्ड कैम्पस, न्यू कैम्पस, केएन महिला कॉलेज और एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ ही जेएनवीयू से संबंध महाविद्यालयों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सभी संकायों में पुलिस जाब्ता तैनात रहा। पुलिस आयुक्त, डीसीपी और सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालयों में लगे पुलिसकर्मियों को भी ड्यूटी में लगाया गया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस ने माकूल बंदोबस्त किए। सभी मतगणना केन्द्र सुरक्षा के कड़े पहरे में रहे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। सभी केन्द्रों के साथ ही हॉस्टल आदि जगहों पर भी अधिकारी व जवान तैनात रहे।

छात्रों ने की हूटिंग

मतगणना स्थलों के बाहर सुबह से ही प्रत्याशियों के समर्थक छात्र-छात्राआें की जमावड़ा शुरू हो गया था। उनके बीच कई बार अपने प्रत्याशियों व पार्टियों के समर्थन में नारेबाजी व हूटिंग चलती रही। इस दौरान वहां कई बार छात्र गुट आमने-सामने भी हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। जीते हुए प्रत्याशी जब मतगणना स्थल से बाहर आए तब उनके समर्थकों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया और नारेबाजी करते हुए विजय जुलूस निकाला। इन छात्र-छात्राआें को नियंत्रित करने पर पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी।



source https://krantibhaskar.com/jnvu-57-years-of-history/

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