सोमवार, 15 जुलाई 2019

आसाराम की उम्मीदों को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका

आसाराम की उम्मीदों को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका

नई दिल्ली/जोधपुर। अपने ही आश्रम की नाबालिग शिष्या के यौन उत्पीडऩ के मामले में जोधपुर जेल में सजा भुगत रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने उसे जमानत देने से इंकार कर दिया है। उसकी जमानत अर्जी गुजरात के सूरत रेप मामले में लगाई गई थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले मुकदमे को पूरा किया जाए। साथ ही गुजरात ट्रायल कोर्ट से मामले की सुनवाई पूरी करने को कहा है। इस तरह आसाराम के जिदंगी के आखिरी पड़ाव में जेल से बाहर खुली सांस लेने की उम्मीदें दम तोडऩे लगी है।

गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि इस मामले की सुनवाई चल रही है और अब भी 210 गवाहों के साथ जिरह होनी है। याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि निचली अदालत सुनवाई जारी रखेगी और आसाराम की याचिका खारिज करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से कही गई बातों से प्रभावित नहीं होगी। इससे पहले आजीवन जेल की सजा काट रहे आसाराम ने सजा पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की थी जिसे 26 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। आसाराम ने इससे पहले हाईकोर्ट में जमानत याचिका दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि आसाराम पर दुष्कर्म और गवाहों की हत्या करवाने का मामला दर्ज है। जोधपुर स्थित अपने आश्रम में वर्ष 2013 में 16 साल की एक लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में जोधपुर की अदालत ने आसाराम को दोषी करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम और चार अन्य सह आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को आरोप पत्र दायर किया था। पीडि़ता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मणाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

अब आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी ह। गुजरात के सूरत रेप केस में आसाराम ने जमानत की मांग की थी। मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि आसाराम के खिलाफ सूरत में चल रहे रेप केस में अभी 10 गवाहों के बयान दर्ज होने बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का निपटारा करे। साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। अब उसके जेल से बाहर आने की उम्मीदें धूमिल होने लगी है।

 



source http://krantibhaskar.com/asaram-ki-hopes-ko-suup/

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