जोधपुर। साध्वी कमलप्रभा के सान्निध्य में स्थानीय तेरापंथ भवन जाटाबास में तेरापंथ धर्मसंघ का 260वां स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वी योगप्रभा एवम समृद्धिप्रभा ने भिक्षु अष्टकम के मंगल संगान द्वारा किया गया।
साध्वी कमलप्रभा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन धर्म में तेरापंथ धर्मसंघ एक गौरवशाली संघ है। तेरापंथ आचार्य भिक्षु की विचार क्रांति, सहिष्णुता, सत्यनिष्ठा व तपस्या का परिणाम है कि लम्बी अवधि में विरोधों के तूफान आए पर तेरापंथ की तेजस्विता कभी मंद नहीं हुई। जोधपुर में तेरापंथ के नामकरण का इतिहास सरल सरस शैली में बताया। साध्वी ललितकला ने तेरापंथ की जन्म कुंडली की रोचक जानकारी प्रस्तुत की। साध्वी योगप्रभा ने तेरापंथ की विरल विशेषताएंं एक नेतृत्व, अनुशासन, आचार व विचार के बारे में बताया। साध्वी मंजुला ने आचार्य भिक्षु के पूर्वजन्म की व्याख्या करते हुए रामचरण के स्वप्न पर प्रकाश डाला। साध्वी वृन्द द्वारा सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया। तेरापंथ युवक परिषद मंत्री मितेश जैन, उपाध्यक्ष सुनील बैद व राजेन्द्र समदडिय़ा ने भिक्षु स्वामी पर भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संघीय संस्थाओं के सदस्यों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री महेन्द्र सुराणा ने किया।
source http://krantibhaskar.com/teesta-dharma-sangha-ii-60th/
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