शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

डहया, केतन और जिगगु, के रेकेट का पर्दा-फ़ास!

संध प्रदेश दमण की इकाइयो से हफ़्ता वसूली कोई नई बात नहीं, समय समय पर हफ़्ता वसूली की शिकायते भी सामने आती रही है और प्रशासन द्वारा हफ़्ता वसूली पर कार्यवाही भी देखने को मिलती रही है। संध प्रदेश दमण में इकाइयो से होने वाली वसूली को वसूलिकर्ता सुविधा शुल्क का नाम देते है और यह दावा करते है की वह इस प्रकार की वसूली कर कई बेरोजगारो को रोजगार दे रहे है जबकि हकीकत कुछ और ही है। हकीकत यह है की ईमानदार को बे-मान बनाया जा रहा है और मेहनतकश नव युवको को वसूली के रास्ते ले जाकर उन्हे गुनहगार का चोला पहनाया जा रहा है।

पूर्व में जिग्नेश पटेल द्वारा हफ़्ता वसूली पर क्रांति भास्कर के एक खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी, उक्त खबर में क्रांति भास्कर ने बताया था की अनिल टंडेल नाम के एक ठेकेदार से जिग्नेश पटेल हफ़्ता लेता है, तब तो इस मामले में प्रशासन ने ध्यान दिया नहीं, अब जरा ध्यान दे तो दमण अवश्य हफ़्ता मुक्त प्रदेश हो जाएगा।

हफ़्ता वसूली के अलावे भी ऐसे कई गोरख धंधे है जिनमे डहया पटेल, केतन पटेल और जिग्नेश उर्फ जिगगु पटेल का नाम सामने आता रहा है। वैसे उक्त परिवार के गोरख धंधो का एक जीता जागता प्रमाण उक्त परिवार की करोड़ो की संपत्ति भी है, शायद ही इस परिवार का कोई ऐसा सदस्य हो जो करोड़पति ना हो, अब इतनी अब इतनी संपत्ति भला दूध बेच कर तो कमाई नहीं, वैसे उक्त परिवार के सदस्यो के पास इतनी संपत्ति कहा से आई इसके लिए भी कई बार जांच की मांग हो चुकी है लेकिन इस बार प्रशासन को जांच अवश्य करवानी चाहिए, ताकि दमण की इकाइयों को हफ़्ता वसूली और माफियागिरी से पूर्णतः निजात मिले।

बताया जाता है की हफ़्ता वसूली तथा अन्य गोरख धंधो के लिए, डहया पटेल, केतन पटेल और जिग्नेश उर्फ जिगगु पटेल ने कई अलग अलग चेले चमचे पाल रखे है तथा अपने इशारे पर इनसे अलग अलग काम लेते रहे है। क्रांति भास्कर को हफ़्ता वसूली और अवैध कारोबार के रेकेट से जुड़े कुछ ऐसे नाम मिले है जिनकी जानकारी शायद अब तक प्रशासन को नहीं, और जिनकी जांच बारीकी से पुलिस प्रशासन को करनी चाहिए। डहया पटेल, केतन पटेल और जिग्नेश उर्फ जिगगु पटेल के लिए हफ़्ता वसूली तथा अन्य काम करने वालो में, जयेश मकन पटेल, हरिश ढेढका पटेल, राजू पटेल, पवन हितेश पटेल उर्फ हित्यों, तरंग सोमभाई पटेल, गुलाब, राय, रमेश, बारीक जैसे कई नाम चर्चे में है। यह वह नाम है जिनके सरकार को दिखाने के लिए काम कुछ और है और वास्तव में काम कुछ और।

बताया जाता है की जयेश मकन पटेल डहया पटेल के लिए काम करता है और डहया पटेल ने जयेश मकन पटेल के नाम पर कई जमीने ले रखी है, अब जयेश मकन पटेल के नाम पर डहयभाई पटेल ने कितनी जमीन ले रखी है? यह तो प्रशासन को पता लगाना चाहिए। वैसे जमीन एन-ए करने से लेकर जमीन विवाद मामलो को निपटाने के लिए समाहर्तालय में चक्कर लगाने वाले जयेश से भी पूछताछ करनी चाहिए की उसके नाम पर ली गई जमीने किसकी है वह इतना पैसा कहा से लाया? इतना ही नहीं दाबेल क्षेत्र में स्थित किसी भी जमीन की जानकारी डहया पटेल को हासिल करनी हो तो डहया पटेल के लिए जयेश, तलटी से जानकारी लेकर डहया पटेल को देता है ऐसा कितनी बार हुआ और क्यो हुआ यह भी जांच का विषय।

बताया यह भी जाता है कि डहया पटेल के इशारे पर, हरिश ढेढका पटेल के द्वारा भी जमीन के कई सोदे होते है, जमीन कब्जे और हफ्ता वसूली में भी हरिशभाई ढेढका पटेल का नाम लिया जाता है, इसके साथ ऐसी चर्चा भी है कि हरिश ढेढका पटेल, डहया पटेल, केतन पटेल और जिगगु पटेल इन तीनों के लिए काम करता है।

वही राजू पटेल नाम का व्यक्ति जिग्नेश उर्फ जिगगु के लिए हफ्ता वसूल करता है और बड़ा भंगार माफ़िया बताया जाता है। इसके अलावे पवन तथा हितेश पटेल उर्फ हित्यों नाम का व्यक्ति भी जिग्नेश उर्फ जिगगु के लिए हफ्ता वसूली करता है, इन सब नामो के साथ साथ तरंग सोमभाई पटेल का नाम भी लिया जा रहा है कि वह केतन पटेल के लिए हफ्ता वसूली करता है!

वैसे तो इन सभी नामो के चर्चे काफी लंबे समय से होते आ रहे है लेकिन प्रशासक प्रफुल पटेल द्वारा हाल ही में की गई कार्यवाही को देखते हुए दमण की जनता और दमण के उधोगजगत में यह उम्मीद बंधी है की इस बार प्रशासन हाथ मलती नहीं रहेगी, प्रशासन की कार्यवाही पर जनता ने जो उम्मीद दिखाई है प्रशासन उससे अधिक खरी साबित होगी। शेष फिर।

 



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