जोधपुर। प्रदेश मेें मानसून की विदाई हो गई है। अपने आखिरी चरण में अब चक्र वात पर निर्भरता के आधार पर बारिश की उम्मीद की जा सकती है। पिछले एक पखवाड़े में प्रदेश में कहीं अच्छी बारिश नहीं हुई है। मारवाड़ तो पूरा सूखा ही निकल गया। मानसून की विदाई के साथ ही भाद्रपक्ष में पड़ रही गर्मी ने हलकान करन शुरू कर दिया है। सूर्यदेव भी तमतमा रहे है। पांच दिन से गर्मी का असर तेज देखने को मिल रहा है। पारा भी उछाल की तरफ है।
गुरुवार को सुबह से ही तेज धूप और गर्माहट ने जमकर सताया। पिछले पांच दिन में ही अधिकतम तापमान उछलता हुआ 37.5 डिग्री पर पहुंच गया है जबकि सुबह का न्यूनतम तापमान 27.4 रहा। आने वाले दिनों में इसके और आगे बढऩे की उम्मीद जताई जा रही है। सुबह धूप निकलने के साथ मौसम में गर्माहट हो गई। हवा में घुली गर्माहट महसूस हुई। धूप और गर्मी से पसीना भी आने लगा है। हालांकि छितराए बादलों की आवाजाही बनी हुई है। मगर पर्याप्त उमस के अभाव में उनसे भी बारिश की उम्मीद नहीं की जा सकती। खेतों में फसलों का निदान चल रहा है। बारिश हो भी जाती है तो यह कटी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित होगा। बाबा की दशमी तक बारिश की उम्मीद मारवाड़ के लोगों को रहती है लेकिन वह भी बुधवार को निकल गई।
पानी की आएगी समस्या
इस साल मानसून की राजस्थान पर मेहर कम बनी रही। बारिश कम होने से जलाशयों में पानी की आवक नहीं होने से पेयजल संकट गहरा सकता है। जोधपुर के कायलाना व तख्त सागर में भी पानी की मात्रा कम रह गई है। कई शटडाउन लेकर पानी को बचाने का जतन किया जा चुका है। आने वाले दिनों में मारवाड़ में पानी का संकट गहराने का संदेह बना हुआ है।
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