जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीके लोहरा ने शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षक ग्रेड तृतीय के पद पर कार्यरत कार्मिक रेणु सोलंकी एव लालाराम जाट की रिट याचिकाओं को ग्राहय करते हुए उनके स्थानान्तरण आदेश पर अंतरिम रूप से रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग एवं पंचायत राज विभाग को नोटिस जारी किए है।
राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय थलियों का बास, जोधपुर में कार्यरत रेणु सोलंकी एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गुडा भोपसिंह ग्राम पंचायत घाणेराव पाली में कार्यरत लालाराम पटेल ने प्राथमिक शिक्षा एवं पंचायत राज विभाग द्वारा किए गए स्थानान्तरण आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा ने तर्क दिया कि प्रथमतया: प्रार्थीगण की नियुक्ति माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा की गयी है एवं उनके स्थाईकरण आदेश भी माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए है। साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा दिनंाक 28.11.1997 के परिपत्र से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि शारीरिक शिक्षकों के लिए सक्षम अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा है ना की पंचायती राज विभाग। इसके बावजूद जो विवादस्पद आदेश पारित किया गया है वह आदेश ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा पारित कर दिए गए है जो विधि विरूद्ध एवं असक्षम अधिकारी द्वारा पारित किया गया है।
प्रार्थी के अधिवक्ता ने राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष यह तर्क दिया कि पूर्व में कई न्यायिक दृष्टांत में यह प्रतिपादित कर दिया गया कि शारीरिक शिक्षकों के लिए सक्षम अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा है। इन न्यायिक दृष्टातों के बावजूद शासन उप सचिव प्राथमिक शिक्षा एवं पंचायत राज विभाग द्वारा प्रार्थीगण को अलग अलग विद्यालयों में स्थानान्तरित कर दिया गया है जो अनुचित है।
प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने रेणु सोलंकी एवं लालाराम पटेल की रिट याचिकाओं को ग्राहय करते हुए अंतरिम रूप से उसे जोधपुर एवं पाली जिले में किए गए स्थानान्तरण आदेश पर रोक लगाई एवं प्राथमिक शिक्षा, पंचायती राज विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
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