बुधवार, 8 अप्रैल 2020

कोरोना काल में ‘संजीवनी बूटी’ बना हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन

कोरोना काल में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ,संजीवनी बूटी’ बन गया है। अमेरका , ब्राज़ील जैसे देशों ने भारत से दवा की मदद मांगी।
वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा कारगर बताई जा रही है। इस दवाई ने पुरे विश्व का ध्यान भारत की तरफ आकर्षित किया है। हालांकि अभी तक कोरोना वायरस के लिए अब तक वैक्सीन या दवा पर सफलता नहीं पाई गई है लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन नामक दवा क लिए सभी देश भारत से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।

ब्राजील ने दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को ‘संजीवनी बूटी’ करार दिया

ब्राज़ील ने मुश्किल वक़्त में और संकट के समय भारत द्वारा की जा रही मदद के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। उन्होंने इसकी तुलना रामायण के प्रसंग से किया है जहां हनुमान संजीवनी लाकर लक्षमण की जान बचाते हैं। ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है जिसमे भारत द्वारा की गई इस मदद की तुलना रामायण के प्रसंग हनुमान द्वारा लाइ गई संजीवनी बूटी से की गई है। राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने ७ अप्रैल को प्रधान मंत्री को कोरोना वायरस पर चिट्ठी लिखी जिसमे भारत और ब्राज़ील के सम्बन्ध मजबूत होने की बात की। बोलसनारों ने अपनी चिट्ठी में लिखा है ‘कि उनके देश में दो लैब हैं जो कोरोना की वैक्सीन बना रही है लेकिन उनकी सप्लाई पूरी तरह से भारत पर निर्भर है, ऐसे में भारत से लगातार मदद की उम्मीद है।” ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने कहा कि जिस तरह हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर भगवान राम के भाई लक्ष्‍मण के प्राण बचाए थे, उसी तरह से भारत की ओर से दी गई इस दवा से लोगों के प्राण बचेंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत और ब्राजील मिलकर इस महासंकट का सामना करने में सक्षम होंगे। कोरोना संक्रमण के इलाज में लाभदायक बताई जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए अमेरिका समेत दुनियाभर से मांग आ रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महान और बहुत अच्‍छे नेता हैं: डोनाल्‍ड ट्रंप

बतादें, कि ये वही दवा है जिसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान सामने आया था ,जिसमे उन्होंने भारत के द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई को मंजूरी देने पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि पीएम मोदी महान हैं , वह शानदार काम कर रहे हैं। हालांकि इसके पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दवा को लेकर भारत के साथ तीखे तेवर भी अपनाए थे।

 ‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन’ बना गेमचेंजर

वायरस के कहर से जूझ रहे ब्राजील ने हनुमान जंयती पर इस महामारी के लिए ‘गेमचेंजर’ बताई जा रही दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को ‘संजीवनी बूटी’ करार दिया है। ब्राजील ने मलेर‍िया रोधी इस दवा की सप्‍लाइ के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्‍यवाद दिया। इससे पहले अमेरिकी राष्‍टपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्‍लाइ के लिए पीएम मोदी को महान नेता बताया था।दरअसल, वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों ने भी इस वायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं। खुद अमेरिका की नजरें अब मदद की आस में भारत पर टिकी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर कोरोना से लड़ने के लिए सहयोग की मांग की थी। अमेरिका ने कोरोना से जंग के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है। इसमें से एक बड़ा हिस्‍सा भारत से अमेरिका खरीद रहा है। शुरू में भारत ने इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा द‍िया था लेकिन अब फिर से शर्तों के साथ इसकी अनुमति दे दी है।

मानवीयता का आधार बना मदद की वजह : भारत

दुनियाभर से आ रही मांग के बीच भारत ने कहा है कि वह मानवीय आधार पर यह दवा निर्यात करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।

जानिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन है क्या

भारत में मलेरिया के मामले अधिक होते हैं यही कारन है की भारत दुनिया के उन देश की सूचि में शामिल है जहाँ इस दवाई का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। तो कुल मिला कर आज जहां पूरा देश हनुमान जयंती मना रहा है वहीं भारत इस दवा की वजह से एक बार फिर विश्व में अग्रणी होता दिख रहा है।



source https://krantibhaskar.com/hindi/hindi-news/national-news/4992/

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