गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

पिता के बाद अब बेटे नारायण से मुकाबला करेंगे हरेन्द्र मिर्धा, दोनों ने किया शक्ति प्रदर्शन, नामांकन दाखिल किया

पिता के बाद अब बेटे नारायण से मुकाबला करेंगे हरेन्द्र मिर्धा, दोनों ने किया शक्ति प्रदर्शन, नामांकन दाखिल किया

जोधपुर/नागौर। नागौर जिले के बड़े राजनीति घराने मिर्धा परिवार के वरिष्ठ नेता हरेन्द्र मिर्धा और बरणगांव का बेनीवाल परिवार 34 साल बाद एक बार फिर आमने-सामने है।  विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के उम्मीदवार हरेंद्र मिर्धा ने नामांकन दाखिल किया। उन्हे खींवसर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं रालोपा व भाजपा के गठबंधन के बाद एनडीए के प्रत्याशी सांसद हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल ने भी आज नामांकन दाखिल किया। दोनों नेताओं ने नामांकन के दौरान शक्ति प्रदर्शन किया।

दरअसल वर्ष 1980 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले हरेन्द्र मिर्धा ने मूण्डवा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडक़र रामदेव चौधरी को हराते हुए पहली बार विधायक बने थे, लेकिन रामदेव चौधरी ने मिर्धा को अगले ही चुनाव (1985 का विधानसभा चुनाव) में पटखनी दे दी। इसके बाद हरेन्द्र मिर्धा ने मूण्डवा सीट छोड़ दी और 1993 में हुए मध्यावधि चुनाव में नागौर सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद दोनों परिवारों को चुनाव में आमना-सामना नहीं हुआ। हालांकि वर्ष 2018 में हरेन्द्र मिर्धा ने खींवसर से चुनाव लडऩे की तैयारी की थी, लेकिन ऐनवक्त पर टिकट सेवानिवृत्त डीआईजी सवाईसिंह चौधरी को दे दिया। सवाई सिंह चौधरी ने खींवसर में कांग्रेस को जीवित करने का काम किया और पहली बार कांग्रेस को दूसरे स्थान पर रखा। लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद अब हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने सवाईसिंह की बजाय हरेन्द्र मिर्धा पर दांव खेला है, जबकि आरएलपी व भाजपा ने रामदेव चौधरी के पुत्र व हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल को मैदान में उतारा है।

सीट वही, नाम बदला

39 साल पहले हरेन्द्र मिर्धा व रामदेव चौधरी का मुकाबला मूण्डवा सीट पर हुआ था, जिस दोनों ने एक-दूसरे को एक-बार हराया। अब खींवसर सीट से मिर्धा का मुकाबला नारायण बेनीवाल से हो रहा है। हालांकि विधानसभा सीट का नाम बदल गया है, लेकिन क्षेत्र लगभग वही है। मूण्डवा कस्बे सहित कुछ गांवों को नागौर विधानसभा में शामिल किया गया है, लेकिन कुचेरा कस्बा आजा भी खींवसर विधानसभा में है। यही कारण है कि खींवसर सीट मतदाताओं के हिसाब से नागौर जिले की दूसरी सबसे बड़ी सीट है, जहां करीब ढाई लाख मतदाता हैं।

विरासत बचाने की चुनौती

नागौर की खींवसर और झुन्झुनु की मंडावा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस और रालोपा के दिग्गज नेताओं ने अपने बेटे-बेटी और भाई को मैदान में उतारा है। इन बेटे-बेटी और भाई पर इन दिग्गज नेताओं की विरासत को बचाना बड़ी चुनौती होगी। खींवसर सीट पर कांग्रेस ने जहां कांग्रेस के कददावर जाट नेता रहे राम निवास मिर्धा के बेटे हरेन्द्र मिर्धा को प्रत्याशी बनाया है। मिर्धा 2003 और 2008 में नागौर से चुनाव लड़ा लेकिन उनका सामना हार से हुआ । 2013 में मिर्धा नागौर से निर्दलीय चुनाव लड़ लिए लेकिन जीत नहीं पाए। 2018 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया और अब उनको उपचुनाव में टिकट दिया गया है। मिर्धा पर अपने पिता की विरासत को बचाने के साथ ही उनके उपर लगे हार के तमगे को हटाने का भी यह उपचुनाव आखिरी मौका है। वहीं भाजपा-रालोपा गठबंधन से यहां इस सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। नारायण बेनीवाल को भी अपने भाई की विरासत को आगे बढाने का मौका मिला है। चूंकि इस सीट पर बेनीवाल ने पार्टी के टिकट पर तो कभी निर्दलीय ही जीत दर्ज की है। ऐसे में इस उपचुनाव में अगर बेनीवाल जीतते हैं तो यह उनके राजनीतिक सफर की नई पारी होगी।

ये नेता पहुंचे सभा में

सोमवार को दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर जनसभा के माध्यम से अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन किया। हरेन्द्र मिर्धा की सभा में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के अन्य दिग्गज पहुंचे, वहीं नारायण बेनीवाल की सभा में उनके बड़े भाई हनुमान बेनीवाल सहित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया तथा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भाग लिया। सांसद बेनीवाल ने खींवसर में नामांकन से पूर्व मंडावा से भाजपा प्रत्याशी की नामांकन सभा में भाग लिया, उसके बाद हेलीकॉप्टर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व अन्य नेताओं के साथ खींवसर आए।



source https://krantibhaskar.com/after-father-harendra-mirdha-will-now-face-son-narayan/

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