बिल्सी। नगर के कछला रोड स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह तीसरे दिन पुष्कर पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्रचार्य जी महाराज ने आज यहां माता देवकी और वासुदेव के विवाह के प्रसंग के माध्यम से पुत्र-पुत्रियों के विवाह श्रेष्ठ शुद्ध अंताकरण से सम्पन्न करने चाहिए। क्योंकि धर्म को साथ रखकर विवाह ही सफलीभूत होते है। स्वामी जी ने श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की कथा का मनोरम एवं कल्याणकारी विवेचन किया। उन्होने कहा कि भगवान का अवतार मात्र राक्षसों के वध के लिए ही नहीं होता अपितु मनुष्य एवं प्राणी मात्र को संस्कारित शिक्षा देने के लिए भी होता है। जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई तब-तब भगवान को अवतार लेना पड़ा है। कंश के अत्याचारों पीड़ित ब्रजवासियों के कल्याण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी एवं वासुदेव के घर जन्म लेकर कंश के अत्याचारों से लोगों को मुक्त कराया। इसलिए लोगों को चाहिए वह धर्म के साथ सत्य के मार्ग को अपनाएं। तभी उनके जीवन का उद्धार हो सकेगा। इस मौके पर मटरुमल शर्मा, प्रदीप शर्मा, संजीव शर्मा, मुकेश गुप्ता, स्वतंत्र राठी, दीपक माहेश्वरी, संजीव कुमार, सुभाष वाहेती, दीपू शर्मा, नरेंद्र गरल, जयप्रकाश लडडा, विशाल खासट, गौरेलाल शर्मा, ऋषभ प्रकाश, हेमा गुप्ता, ममता राठी आदि मौजूद रहे।
संवाददाता अमन सक्सेना
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