
जोधपुर। शहर में करीब 36 घंटे तक रूक-रूककर हुई बारिश का सिलसिला रविवार को पूरी तरह से थम गया। रविवार को शहर में कहीं भी बारिश की सूचना नहीं है। लगातार हुई बारिश के बाद शहरवासियों ने राहत की सांस ली है लेकिन बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सडक़ों और उस जमी धूल-कंकड़ के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं गुलजारपुरा में एक बार फिर पहाड़ से पत्थर गिरने से हडक़ंप मच गया। हालांकि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। दो दिन पहले यहां भारी पत्थर गिरने से काका-भतीजी की मौत हो गई थी। उसके बाद यहां से ऐहतियात के तौर पर मकान खाली करवाए जाने के बाद आज बड़ा हादसा होने से बच गया।
जोधपुर शहर में गुरुवार रात को शुरू हुआ बारिश का दौर अब पूरी तरह थम चुका है। गुरुवार रात से शुरू हुई यह बारिश शनिवार सुबह तक रूक-रूककर जारी थी। यहां करीब 36 घंटों तक रूक-रूककर बारिश होती रही। इस दौरान कई बार मूसलाधार व तेज बारिश भी हुई जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। शनिवार सुबह के बाद अब तक यहां बारिश नहीं हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जोधपुर शहर में अब बारिश का दौर थम गया है। हालांकि इस साल मारवाड़ में करीब तीन सप्ताह की देरी से मानसून सक्रिय हुआ था इसके बावजूद मानसून यहां मेहरबान रहा। बाड़मेर-जैसलमेर को छोड़ संभाग के सभी जिलों में अब तक मानसून की बरसात औसत से अधिक हुई है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण बरसात के पैटर्न में बदलाव होने से मानसून के दिन जरूर घट गए लेकिन मानसून की बरसात की तीव्रता अधिक हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में थार मरुस्थल से लगते इलाकों में बरसात का वार्षिक औसत बढ़ाना पड़ सकता है। बता दे कि जोधपुर में चार जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी लेकिन मानसून की पहली अच्छी बरसात गत 28 जुलाई को हुई। यहां एक ही दिन में 156.3 मिलीमीटर पानी बरस गया। इसके बाद रूक-रूककर बरसात हुई। एक पखवाड़े से अधिक समय के बाद फिर से पंद्रह अगस्त की रात से लेकर 18 अगस्त की सुबह तक बरसात हुई। सिंचाई विभाग के अनुसार जोधपुर में अब तक 430.6 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जबकि एयरफोर्स स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने अब तक 307.9 मिलीमीटर बारिश मापी है।
पत्थर गिरने से मचा हडक़ंप
दो दिन पहले तेज बारिश के कारण गुलजारपुरा क्षेत्र में पहाड़ी से पत्थर गिरने से काका-भतीजी की मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में रविवार को फिर से पहाड़ से पत्थर गिरने लगे। इससे क्षेत्र में हडक़ंप मच गया। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। यहां दो दिन पहले ही मकान खाली करने से बड़ा हादसा होने से टल गया। सूचना मिलने पर नगर निगम व पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए। बता दे कि आसपास के मकानों को भी खाली करने के लिए निगम ने नोटिस दिए है। परकोटे की दीवार से अभी भी कई मकानों पर मलबा गिरने का खतरा मंडरा रहा है।
धूप-छांव का खेल चला
रविवार को बारिश का दौर थमने के बाद धूप निकल आई। हालांकि यहां आसमान पर बादल भी छाए रहे। इससे यहां दिनभर धूप-छांव का खेल चलता रहा। कभी धूप निकली तो कभी सूरज के आगे बादल आ जाने से छांव हो गई। रविवार का सार्वजनिक अवकाश होने के कारण अधिकांश लोग घरों पर ही थे। एेसे में उन्होंने अपने वाहन धोने व घर की साफ-सफाई में दिन निकाला। वहीं गृहिणियों ने गीले कपड़े व अन्य सामान धूप में सूखने के डाले।
source https://krantibhaskar.com/rain-out-of-hand-sunshine-out/
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