मंगलवार, 21 अगस्त 2018

बम और एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण, हेलिना ने लक्ष्य पर लगाया सटीक निशाना, साल के अंत तक सेना में की जाएगी शामिल

जोधपुर। संभाग के जैसलमेर जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर गाइडेड बम और एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ। पोकरण फायरिंग रेंज में एंटी टैंक स्वदेशी गमिसाइल हेलिना के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण किया गया। नाग श्रेणी की इस मिसाइल को लड़ाकू हेलीकॉप्टर से दागा गया। पांच से आठ किलोमीटर रेंज की इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इसे फायर एंड फॉरगेट (दागो और भूल जाओ) का दर्जा प्राप्त है। इस साल के अंत तक इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। बताया गया है कि यह रात में भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है। डीआरडीओ ने इसे विकसित किया है। वहीं चांधण रेंज में वायुसेना के विमान से स्मार्ट एंटी एयरफिल्ड वीपन (एसएएडब्ल्यू) का भी सफल परीक्षण हुआ है। गाइडेड बम और एंटी टैंक मिसाइल को सेना के लिए तैयार किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत ने सफलतापूर्वक विकसित किए गए स्वदेशी विकसित हेलीकॉप्टर को पोकरण फायरिंग रेंज में एक सेना हेलीकॉप्टर से एंटी-टैंक निर्देशित मिसाइल हेलिना लॉन्च किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि हथियार प्रणाली की पूरी श्रृंखला के लिए परीक्षण किया गया था। लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म से इसकी सुचारु रिलीज के बाद, मिसाइल ने उच्च परिशुद्धता के साथ इसे नष्ट करने से पहले अपने पाठ्यक्रम के माध्यम से लक्ष्य को ट्रैक किया। दरअसल हेलिना का तीन साल पहले भी परीक्षण किया गया था लेकिन तब यह तीन में से दो लक्ष्य ही भेद पाई थी। इसके बाद इसमें कुछ और सुधार किए गए। इस बार इसने अपने दोनों लक्ष्यों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। अब इसे विकसित करने और परीक्षण का काम पूरा हो गया है। अब यह सेना में शामिल होने के लिए तैयार है।

एसएएडब्ल्यू का भी परीक्षण

रक्षा सूत्रों के मुताबिक चांधण रेंज में वायुसेना के विमान से स्मार्ट एंटी एयरफिल्ड वीपन (एसएएडब्ल्यू) का भी सफल परीक्षण हुआ है। एसएएडब्ल्यू युद्धक सामग्री से लैस था और पूरी सटीकता के साथ लक्ष्य पर निशाना साधने में यह सफल रहा। वहीं पोखरण फायरिंग रेंज में हेलिना मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल ने सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को भेद डाला। यह दुनिया में अत्याधुनिक एंटी टैंक हथियारों में से एक है। इन हथियारों को डीआरडीओ ने विकसित किया है। गाइडेड बम को वायुसेना और हेलिना मिसाइल को सेना के लिए तैयार किया गया है।

चार तरह की है नाग मिसाइल

नाग मिसाइल चार तरह की है। इनमें से नेमिका जंगी जहाज से दागी जाती है। हेलिना हेलिकॉप्टर से दागी जाती है। दो और कैटेगरी एयरक्राफ्ट और कंधे से दागी जाने वाली है। नाग की हेलिना मिसाइल इमेज के जरिए संकेत मिलते ही लक्ष्य को भांप लेती है। दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देती है। यह सिर्फ 42 किलो की है। हल्की होने की वजह से इसे पहाड़ी या एक जगह से दूसरी जगह मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल से ले जाया जा सकता है। यह रात में भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है। इस मिसाइल को 10 साल तक बिना किसी रख-रखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अपने साथ आठ किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकती है। 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से यह अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है। इसे विकसित करने में अब तक 350 करोड़ से ज्यादा का बजट लग चुका है।

रक्षा मंत्री ने दी बधाई

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कामयाबी के लिए बधाई दी है। रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, सेना, आईएएफ और एचएएल को बधाई दी। उन्होंने कहा, इन सफल परीक्षणों से देश की रक्षा क्षमता को मजबूती मिलेगी। वहीं, हेलीना भारतीय सेना के अस्त्रागार की शोभा बढ़ाएगा।



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