गुरुवार, 16 अगस्त 2018

कुलियों ने काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन, स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा

जोधपुर। देशभर में भले ही जोधपुर रेलवे स्टेशन ने बाजी मारते हुए स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम स्थान हासिल कर लिया हो लेकिन यहां यात्रियों के सबसे अधिक काम आने वाला कुली वर्ग असंतुष्ट है। स्थिति इतनी विकट है कि रेलवे के उद्गम से जुड़े कुली आज नौकरी को मोहताज होते दिख रहे है। दिनोंदिन घटती आय ने परिवारों को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में अब कुलियों ने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। उत्तर पश्चिम रेलवे कुली यूनियन कुली मंडल ने गुरुवार को स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा।

कुलियों ने बताया कि देशभर में लगभग 25 हजार कुली लंबे समय से रेलवे में स्थाई नौकरी की मांग कर रहे है। गत 28 फरवरी को स्टेशन पर धरना दिया गया और 15 मार्च को मंडल प्रबंधक को ज्ञापन दिया गया। फिर 15 मई को भी जोनल स्तर पर ज्ञापन सौंपा गया लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। अब इस कड़ी में गुरुवार को सभी कुलियों ने एक दिन के लिए अपनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। सरकार का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया।

मनीऑर्डर भी भेजे थे

बता दे कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे जोधपुर जोन के करीब 130 कुलियों ने कुलियों ने रेलमंत्री को 1-1 रुपए का मनीऑर्डर भेज नौकरी मांगी थी। कुली एसोसिएशन के रामचरण ने बताया कि जोधपुर रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक हो चुका है। रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट व एस्केलेटर लगने से यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक आना-जाना आसान हो गया है। इसके अलावा अधिकांश यात्री व्हील वाले बैग का इस्तेमाल करते हैं। इससे सामान उठाने के लिए कुली की जरूरत कम पड़ रही है। इसका सीधा असर कुलियों की मजदूरी पर पड़ रहा है। कुलियों को काम नहीं मिलने के कारण परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है। रामचरण ने बताया कि अब कुलियों का काम पूछताछ गाइड की तरह हो गया है। अधिकांश यात्री कुलियों से सामान उठवाने की जगह ट्रेनों के संचालन व स्थिति की जानकारी ही मांगते हैं।



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